महाराष्ट्र और केंद्र में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना दिल्ली विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी. पार्टी ने ऐलान किया है कि वह दिल्ली की 40 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी. शनिवार को नई दिल्ली से शिवसेना उम्मीदवार के शिव तिवारी ने नामांकन भरा.
दिल्ली शिवसेना प्रमुख ओमदत्त शर्मा ने कहा, 'बीजेपी हारे इसकी हमें चिंता नहीं.पिछली बार भी 3 सीटों पर बीजेपी हमारी वजह से हारी थी.इस बार हार से बचना है तो उद्धव जी से बात करे.'पिछली बार भी शिवसेना ने 9 सीटों पर चुनाव लड़ा था. लेकिन पार्टी को कोई जीत हासिल नहीं हुई थी.
उद्धव ठाकरे शिवसेना को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाना चाहते हैं. मध्य प्रदेश और राजस्थान में पार्टी ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है. सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र चुनाव के बाद ही शिवसेना ने दिल्ली चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी. पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में बैठकें भी की थी.
शिवसेना के चुनाव लड़ने से बीजेपी के वोट बैंक में मामूली ही सही, पर सेंध लग सकती है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद भी खटपट और मतभेद के बीच शिवसेना बीजेपी सरकार में शामिल हुई थी. पार्टी ने यह इशारा किया है कि दो साल बाद होने जा रहे बीएमसी का चुनाव भी शिवसेना बीजेपी के साथ नहीं बल्कि अकेले लड़ सकती है.
उधर, असदुद्दीन औवेसी की पार्टी MIM दिल्ली में चुनाव नहीं लड़ेगी. जानकारों के मुताबिक, इसका सीधा फायदा आम आदमी पार्टी को मिलेगा.