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तानाशाह मुसोलिनी की फौज में थे सोनिया के पिता, उनके और राहुल के खून में है फासीवाद: बीजेपी

नरेंद्र मोदी को बार-बार हिटलर कहे जाने पर बीजेपी बुरी तरह भड़क गई है. गुरुवार को पार्टी की प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस पर जबरदस्त पलटवार करते हुए कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खून में फासीवाद है.

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मीनाक्षी लेखी
मीनाक्षी लेखी

नरेंद्र मोदी को बार-बार हिटलर कहे जाने पर बीजेपी बुरी तरह भड़क गई है. गुरुवार को पार्टी की प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस पर जबरदस्त पलटवार करते हुए कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खून में फासीवाद है.

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गांधी परिवार पर जवाबी हमला बोलते हुए लेखी ने कहा, 'सोनिया गांधी के पिता इटली के कुख्यात तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी की सेना में बड़े अफसर थे और उनके फासीवादी नेताओं के साथ काफी करीबी संबंध थे.

नई दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार लेखी ने कहा, 'फासीवाद सोनिया और राहुल गांधी के खून में है. सोनिया गांधी के पिता स्टेफनो मेनो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पूर्वी मोर्चे पर हिटलर का साथ देते हुए सोवियत मिलिट्री के खिलाफ लड़े थे. सोनिया के पिता मुसोलिनी और इटली की नेशनल फासिस्ट पार्टी के तगड़े समर्थक थे. मुझे नहीं पता कि वो लोग किस आधार पर मोदी जी को हिटलर कह रहे हैं.'

कांग्रेस ने हिटलर, मुसोलिनी, ईदी अमीन और जिया उल हक से की थी मोदी की तुलना
लेखी का ये सनसनीखेज बयान कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी के उस कमेंट के बाद आया है जिसमें उन्होंने मोदी की तुलना हिटलर, मुसोलिनी, ईदी अमीन और जिया उल हक जैसे तानाशाहों से की थी. सिंघवी ने मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा था कि ये सभी तानाशाह जनसाधारण द्वारा निर्वाचित किये जाते थे लेकिन उनके चुनाव का यह मतलब नहीं था कि उन्हें जनसंहार और मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों से छूट मिल गयी. सिंघवी ने प्रधानमंत्री पद के बीजेपी के उम्मीदवार मोदी द्वारा कई बार साक्षात्कारों में 2002 के गुजरात दंगों के लिए माफी नहीं मांगने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यह बात कही थी. उन्होंने कहा था कि किसी भी तरीके से चुनाव में मिला जनादेश किसी के भी नरसंहार या सांप्रदायिकता को जायज नहीं ठहरा सकता. हिटलर और मुसोलिनी दोनों ही बड़े अंतराल से चुनाव जीते थे और ऐसा ही ईदी अमीन और जिया उल हक के साथ भी था.

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सिंघवी ने कहा, जनसाधारण द्वारा चुने गये तानाशाहों में गुजरात में मोदी और युगांडा में ईदी अमीन हैं. इनमें एक चीज समान है कि वे जज हैं, ज्यूरी हैं और अभियोजक भी हैं. सारी भूमिका खुद निभाते हैं. उनके अंदर कोई संवेदना, कोई दया नहीं है. उन्हें लगता है कि वे कभी गलती नहीं करते इसलिए वे कभी माफी नहीं मांगते.

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