लोकसभा चुनाव परिणाम सामने आने के बाद कई प्रदेशों की सियासत अपने नए रंग-ढंग दिखला रही है. चुनाव में अपने तगड़े प्रतिद्वंद्वी एआईएडीएमके के हाथों करारी हार के बाद डीएमके सुप्रीमो एम करुणानिधि के बेटे एमके स्टालिन ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने की पेशकश की. हालांकि इसके बाद स्टालिन ने अपना इस्तीफा वापस भी ले लिया.
बाद में डीएमके के सीनियर लीडर दुरई मुरुगन ने इस बात की जानकारी दी कि स्टालिन ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है.
नैतिक जिम्मेदारी का अहम सवाल
स्टालिन ने चुनाव में तमिलनाडु और पुडुचेरी में उम्मीदवारों का चयन खुद किया था. पार्टी सूत्रों ने बताया कि उन्होंने रविवार को हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की.
गौरतलब है कि डीएमके ने इस चुनाव में तमिलनाडु की 34 सीटों और पुडुचेरी की एक सीट पर उम्मीदवार खड़े किए थे, लेकिन उसे एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई.
एमके अलागिरी ने मांगा था इस्तीफा?
समझा जाता है कि स्टालिन के बड़े भाई एमके अलागिरि ने चुनावी हार के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराते हुए इस्तीफे की मांग की थी. अलागिरि को कथित अनुशासनहीनता के कारण हाल ही में पार्टी से निकाल दिया गया था. बहरहाल, मदुरै में अलागिरि ने स्टालिन के इस्तीफे की पेशकश को ज्याद तवज्जो नहीं दी और इसे ‘नाटक’ करार दिया.
एमके अलागिरी ने कहा, ‘मैं गैरजरूरी खबरों को न तो देखता हूं और न ही सुनता हूं. मुझे आपसे उनके (स्टालिन) इस्तीफे के बारे में जानकारी मिली. यह सब नाटक है. वे इस्तीफे का दिखावा करना चाहते हैं. कोई उन्हें रोकेगा. तब डीएमके प्रमुख कहेंगे कि वे इस्तीफा स्वीकार नहीं करेंगे. आप इंतजार करें और देखें कि यह नाटक कब तक चलता है.’ इस बीच स्टालिन समर्थकों ने चेन्नई में करुणानिधि के आवास के बाहर प्रदर्शन किया.