बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद और महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है. समधी मुलायम सिंह यादव के बाद लालू के दूसरे साले सुभाष यादव ने भी अब विरोध का झंडा उठा लिया है. सुभाष यादव ने पप्पू यादव की नवगठित पार्टी जन अधिकार मोर्चा में जाने का फैसला कर लिया है, जबकि इस बाबत मंगलवार को औपचारिक ऐलान किया जाएगा.
गौरतलब है कि राज्य में आरजेडी के सत्ता से बेदखल होने के बाद सुभाष यादव राजनीतिक रूप से गुमनामी का दंश झेल रहे थे. मंगलवार को वह पप्पू यादव की मौजूदगी में जन अधिकार मोर्चा में शामिल होंगे. सुभाष आरजेडी के पूर्व सांसद भी हैं. जब लालू-राबड़ी सत्ता में थे तब लालू के दोनों सालों साधु यादव और सुभाष यादव की तूती बोलती थी, लेकिन साधु के बाद अब सुभाष ने अपनी राजनीतिक डगर अलग कर ली है.
बताया जाता है कि सुभाष यादव आरजेडी में एक नई भूमिका चाहते थे, लेकिन लालू प्रसाद और राबड़ी देवी को यह मंजूर नहीं था. सुभाष अपनी पत्नी के लिए भी राजनीतिक जमीन की तलाश में थे, लेकिन इसमें भी उन्हें कामयाबी नहीं मिली.