scorecardresearch
 

रांची से टिकट पाकर फूले नहीं समा रहे हैं सुबोधकांत सहाय

काफी जद्दोजहद के बाद रांची लोकसभा सीट से टिकट लेकर पूर्व पर्टयन मंत्री सुबोधकांत सहाय शनिवार को रांची लौट गए. इस दौरान रांची एयरपोर्ट का नजारा ऐसा था, मानो सुबोधकांत सहाय ने चुनाव ही जीत लिया हो.

Advertisement
X
सुबोधकांत सहाय (फाइल फोटो)
सुबोधकांत सहाय (फाइल फोटो)

काफी जद्दोजहद के बाद रांची लोकसभा सीट से टिकट लेकर पूर्व पर्टयन मंत्री सुबोधकांत सहाय शनिवार को रांची लौट गए. इस दौरान रांची एयरपोर्ट का नजारा ऐसा था, मानो सुबोधकांत सहाय ने चुनाव ही जीत लिया हो.

Advertisement

सुबोधकांत को टिकट मिलने से उत्साहित हजारों की संख्या में कार्यकर्ता एयरपोर्ट पहुंचे और ढोल-बाजे के साथ उनका स्वागत किया. रांची पहुंचते ही नेताजी टिकट मिलने की ख़ुशी पर कभी मंदिर में शीश नवाते, तो कभी मजार पर चादरपोशी करते नजर आए.

दरअसल कोल लिंकेज मामले में फंसने के बाद से ही पार्टी में इनकी पकड़ कम होती जा रही है. पहले तो इनसे इनका मंत्री पद छिन गया. रही-सही कसर झारखण्ड की पहली लिस्ट में इनका नाम नहीं होने की खबर ने पूरी कर दी. इस बात का इल्म होते ही सुबोधकान्त को मानो सांप सूंघ गया था. आनन-फानन में कार्यकर्ताओं की फ़ौज लेकर सोनिया गांधी के दरबार में फरियाद लगाने पहुंच गए. हालांकि वे किसी तरह अपनी टिकट बचाने में कामयाब रहे. जाहिर है ऐसे में भगवान के दर पर कृतज्ञता जताना लाजिमी है.

Advertisement

बताया जाता है कि राहुल गांधी और झारखण्ड से विशेष दिलचस्पी रखने वाले जयराम रमेश सुबोधकांत सहाय से नाराज हैं. दूसरी ओर प्रदेश में भी कांग्रेस का एक मजबूत धड़ा सुबोधकांत के खिलाफ है. ऐसे में बीते 35 सालों से राजनीति कर रहे सुबोधकांत को टिकट के लिए एड़ी-चोटी एक करना पड़ा. वैसे सहाय ऑस्कर फर्नांडिस की वजह से टिकट पाने में आखिरकार कामयाब रहे. सुबोधकांत ने यह भी कहा कि कोल लिंकेज मामले के कारण उनका टिकट कट रहा है या पेंडिंग है, इस मामले में उन्‍होंने सोनियाजी से भी बात की थी.

गौतरलब है कि लोकसभा चुनाव में रांची सीट पर इस बार कांटे की टक्कर है. कुर्मी बहुल इस सीट पर बीजेपी ने पूर्व सांसद और कुर्मी जाति के कद्दावर नेता रामटहल चौधरी को टिकट दिया है, तो TMC ने आदिवासी नेता बंधु तिर्की को और बाबूलाल मरांडी ने पूर्व आईपीएस और JSCA के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी को उम्मीदवार बनाकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है. ऐसे में सुबोधकांत सहाय के लिए इस बार जीत की हैट्रिक लगाने की चुनौती है.

Advertisement
Advertisement