सुप्रीम कोर्ट ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद धनंजय सिंह को जौनपुर संसदीय क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए आज अस्थायी जमानत प्रदान कर दी. धनंजय सिंह और उनकी पत्नी जागृति सिंह अपनी घरेलू सेविका की हत्या के आरोपी हैं.
न्यायमूर्ति बीएस चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने धनंजय सिंह को 14 से 21 अप्रैल तक के लिए अस्थायी जमानत प्रदान की ताकि वह नामांकन दाखिल कर सकें और इसके बाद निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार कर सकें. धनंजय सिंह एक महिला से बलात्कार के भी आरोपी हैं. वह उत्तर प्रदेश के जौनपुर संसदीय क्षेत्र से इस समय सांसद हैं.
उन्होंने इस क्षेत्र से नामांकन दाखिल करने के लिए शीर्ष अदालत से जमानत की गुहार लगाई थी. इस संसदीय क्षेत्र में 12 मई को मतदान होगा. बसपा सांसद को निचली अदालत ने 22 मार्च को अंतरिम जमानत दी थी, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने 31 मार्च को इस आदेश पर रोक लगा दी थी. इसके बाद धनंजय सिंह ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी.
निचली कोर्ट ने धनंजय सिंह को अपने बीमार पिता की देखभाल के लिए अंतरिम जमानत दी थी. बसपा सांसद का कहना था कि इस मामले में पहले ही आरोप पत्र दाखिल हो चुका है और अब उसे हिरासत में रखने का कोई फायदा नहीं है. धनंजय सिंह को कथित रूप से सबूत मिटाने और हत्या तथा हत्या के प्रयास के अपराध के लिए उकसाने सहित भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत आरोप हैं.