लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने यह स्वीकार किया कि आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन से वह कतई चौंकी हुई नहीं हैं. सुषमा के मुताबिक मुझे दिल्ली में अंडर करंट नजर आ रहा था. अरविंद केजरीवाल का सीधे तौर पर नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि हमारी तो बस इतनी उम्मीद थी कि बीजेपी 38-39 सीटें जीतकर सरकार बनाए. फिर वह बोलीं कि हम यहां गड्ढे में थे और यह 33 सीटों का प्रदर्शन भी कम नहीं है. उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी नतीजे आने के बाद बीजेपी के लिए सरकार बनाने की सूरत साफ होगी.
जनादेश की गिनती समझाई सुषमा ने
सुषमा स्वराज ने चारों राज्यों में कांग्रेस की करारी हार को नंबरों के जरिए बताया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चारों राज्य मिलाकर कुल 137 सीटें जीती हैं. उन्होंने कहा कि इसे ज्यादा सीटें तो हम मध्य प्रदेश और राजस्थन में अलग-अलग जीते हैं. सुषमा बोलीं कि चारों राज्यों में मिलाकर कुल 589 सीटों पर चुनाव हुए. इनमें 68 फीसदी पर बीजेपी जीती. अगर इसे लोकसभा की सीटों के नजरिए से देखें तो 72 में 65 सीटें बीजेपी के खाते में आती नजर आ रही हैं.
क्या महंगाई और करप्शन का असर रहा जनादेश पर
सुषमा ने कहा कि व्यक्ति के आधार पर या किसी फैक्टर पर चुनाव नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि महंगाई और करप्शन के मुद्दे तो थे, मगर उससे ज्यादा महत्वपूर्ण स्थानीय मुद्दे थे.उन्होंने कहा कि दिल्ली में बिजली और पानी के बढ़े हुए रेट बड़ा मुद्दा थे और इससे जनता कितनी गुस्से में थी, इससे इस बात से समझा जा सकता है कि खुद मुख्यमंत्री शीला दीक्षित चुनाव हार गईं.
जीत के श्रेय के सवाल पर सुषमा स्वराज नरेंद्र मोदी समेत किसी का भी नाम लेने से बचते हुए बोलीं कि हमारी पार्टी में श्रेय सामूहिक नेतृत्व को जाता है, जनता को जाता है औऱ पार्टी कार्यकर्ताओं को जाता है.