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मोदी के सामने हैं रेकॉर्ड 159वां चुनाव लड़ रहे तमिल कारोबारी पद्मराजन, अटल को भी दे चुके चुनौती

55 साल का एक व्यक्ति तमिलनाडु से यहां नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने आया है. हालांकि, वह जीत के लिए नहीं, बल्कि रिकॉर्ड बनाने के लिए लड़ रहा है. यह उसका 159वां चुनाव है. उनका नाम है डॉ. के. पद्मराजन. वह तमिलनाडु में एक टायर कंपनी के मालिक हैं. पद्मराजन ने गुरुवार को वड़ोदरा सीट से लोकसभा चुनाव के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा.

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55 साल का एक व्यक्ति तमिलनाडु से यहां नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने आया है. हालांकि, वह जीत के लिए नहीं, बल्कि रिकॉर्ड बनाने के लिए लड़ रहा है. यह उसका 159वां चुनाव है. उनका नाम है डॉ. के. पद्मराजन. वह तमिलनाडु में एक टायर कंपनी के मालिक हैं. पद्मराजन ने गुरुवार को वड़ोदरा सीट से लोकसभा चुनाव के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा.

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उन्होंने कहा कि मेरी चुनाव जीतने की कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है. वह ऐसा सिर्फ इसलिए कर रहे हैं ताकि सबसे अधिक चुनाव लड़ने का विश्व रिकॉर्ड बना सकें.

खुद को भारत का चुनाव नरेश कहते हैं
होम्योपैथी डॉक्टर पद्मराजन विगत में 158 बार चुनाव लड़ चुके हैं और हर बार उन्हें हार देखनी पड़ी है. उन्होंने कहा, यह मेरा 159वां नामांकन है. मैं अपने आपको भारत का चुनाव नरेश कहता हूं. मैं सबसे ज्यादा बार चुनाव लड़ने का विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए पिछले 25 साल से चुनाव लड़ रहा हूं. मैं अपना लक्ष्य हासिल होने तक चुनाव लड़ना जारी रखूंगा.

अटल, कलाम और मनमोहन को भी दे चुके चुनौती
प्रधानमंत्री पद के भाजपा के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के मुद्दे पर उन्होंने कहा, मैं आम तौर पर लोकप्रिय नेताओं के खिलाफ चुनाव लड़ना पसंद करता हूं. पूर्व में मैंने अटल बिहारी वाजपेयी, एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल, मनमोहन सिंह आदि के खिलाफ चुनाव लड़ा है. मेरे लिए हार जीत का कोई मतलब नहीं है. मैंने अपना पहला चुनाव 1988 में लड़ा था. उन्होंने कहा कि वह चुनाव लड़ने पर अब तक 12 लाख रूपये से अधिक खर्च कर चुके हैं.

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