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निष्कासन से साफ हो गया कि मुसलमानों से कितनी हमदर्दी है: साबिर अली

जदयू से निष्कासित किए गए राज्यसभा सांसद साबिर अली ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की तारीफ किए जाने से इंकार करते हुए आज कहा कि उनके खिलाफ की गई कार्रवाई से साफ हो गया है कि नीतीश कुमार की पार्टी मुसलमानों की कितनी हमदर्द है

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जदयू से निष्कासित किए गए राज्यसभा सांसद साबिर अली ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की तारीफ किए जाने से इंकार करते हुए आज कहा कि उनके खिलाफ की गई कार्रवाई से साफ हो गया है कि नीतीश कुमार की पार्टी मुसलमानों की कितनी हमदर्द है. ‘मैंने नरेंद्र मोदी की तारीफ नहीं की. मैंने उनका नाम भी नहीं लिया था'. साबिर अली को मोदी की कथित तौर पर तारीफ करने के मसले पर पार्टी से बाहर कर दिया गया है. वो बिहार के शिवहर लोकसभा सीट से जदयू उम्मीदवार थे, लेकिन अब उनकी जगह पर किसी और को टिकट दिया जाएगा.

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किसी भी नेता पर सीधा हमला बोलने की बजाय अली आरोप लगाया, ‘जो लोग यहां बैठकर भ्रष्टाचार करते हैं और उल्टी-सीधी बातें करते हैं, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है’.

जदयू ने मुझे कुछ नहीं दिया
जनता दल यूनाइटेड पर 'वादाखिलाफी' का आरोप लगाते हुए साबिर अली ने कहा कि पार्टी ने उन्हें कुछ नहीं दिया. ‘राज्यसभा की सदस्यता मेरी अपनी बदौलत है. उन्हें हमारा धन और ताकत चाहिए, लेकिन जब हक देने की बारी आती है तो किसी और को दे दिया जाता है.’

दरअसल, लोकजनशक्ति पार्टी में रहते हुए अली को राज्यसभा की सदस्यता मिली थी. बाद में वो जदयू में शामिल हो गए थे और पार्टी नेतृत्व ने उन्हें दिल्ली इकाई का अध्यक्ष बनाया था. कहा जा रहा है कि इस बार नीतीश कुमार की ओर से उन्हें राज्यसभा नहीं भेजे जाने और लोकसभा की मनपसंद सीट पश्चिमी चंपारण से भी टिकट नहीं मिलने से साबिर अली नाराज थे.

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