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असम में कांग्रेस का 15 वर्षों का राज खत्म करने वाले सोनोवाल से जुड़ी 15 बातें

विकास के एजेंडे पर असम के चुनावी मैदान में बाजी मारने वाली बीजेपी को सर्बानंद सोनोवाल के तौर पर तुरुप का इक्का मिला है.

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असम विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के 15 साल के शासन का अंत कर पहली बार राज्य में बीजेपी को सत्ता में पहुंचाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्बानंद सोनोवाल की तारीफ की. सोनावाल को राज्य में बीजेपी से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था और उन्हीं के नेतृत्व में पार्टी ने जीत दर्ज की.

विकास के एजेंडे पर असम के चुनावी मैदान में बाजी मारने वाली बीजेपी को सर्बानंद सोनोवाल के तौर पर तुरुप का इक्का मिला है. पढ़िए, सोनोवाल के बारे में 15 खास बातें-

1. 31 अक्टूबर 1962 को असम के डिब्रूगढ में जन्मे सर्बानंद सोनोवाल ने डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी यूनिवर्सिटी से LL.B. और BCJ की पढ़ाई की.

2. सोनोवाल के पास छात्र राजनीति का भी व्यापक अनुभव है. वह असम गण परिषद के स्टूडेंट विंग ऑल असम स्टूडेंट यूनियन और पूर्वोत्तर के राज्यों में असर रखने वाले नॉर्थ इस्ट स्टुडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वह 1992 से 1999 के बीच इसके अध्यक्ष रहे.

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3. साल 1992 से राजनीति में सक्रिय सोनोवाल ने हमेशा राज्य में ही रहकर आंतरिक राजनीति की. सभी दलों के नेताओं से उनके निजी परिचय हैं. चुनाव बाद की रणनीति में इसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है.

4. साल 2001 में उन्होंने असम गण परिषद ज्वाइन किया और उसी साल विधायक चुने गए.

5. साल 2004 में पहली बार डिब्रूगढ़ से सांसद बने.

6. असम गण परिषद में मतभेद होने के बाद उन्होंने साल 2011 में बीजेपी की सदस्यता ले ली.

7. लखीमपुर से सांसद सर्बानंद सोनोवाल साल 2012 और 2014 में दो बार असम बीजेपी के अध्यक्ष रहे. इसलिए राज्य इकाई में उनकी पैठ गहरी मानी जा रही है. उन्हें संगठन का आदमी कहा जाता है.

8. साल 2014 में हुए आम चुनाव में बीजेपी ने असम में बेहतर प्रदर्शन किया था. इसके पीछे सोनोवाल की राजनीतिक सूझबूझ को क्रेडिट दिया गया है.

9. राज्य के 14 लोकसभा सीटों में 7 पर जीत हासिल करने वाले बीजेपी ने असम गण परिषद के साथ गठबंधन किया है. सोनोवाल की सीधी पहुंच राज्य की सभी सीटों तक है.

10. मोरान से विधायक और बाद में डिब्रुगढ़ और लखीमपुर से सांसद रहने के साथ ही राज्य में गृह मंत्री और उद्योग-वाणिज्य मंत्री रहने के कारण सोनोवाल की राज्य की प्रशासनिक पर जबरदस्त पकड़ मानी जाती है.

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11. केंद्र सरकार में खेल मंत्रालय संभाल रहे सोनोवाल निजी तौर पर फुटबॉल और बैडमिंटन के खिलाड़ी भी रहे हैं. पूर्वोत्तर में फुटबॉल प्रेम के प्रभाव से कोई अपरिचित नहीं होगा.

12. सोनोवाल ने ही असम में बांग्लादेशी घुसपैठ मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने की अगुवाई की है. इन हालातों में उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भी पूरा समर्थन मिला है.

13. सर्बानंद सोनोवाल ने शादी नहीं की. वह असम के चर्चित वैष्णव संत शंकरदेव और महादेव की भक्त हैं.

14. सोनोवाल ने मजुली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था. यह दुनिया का सबसे बड़ा रिवर आईलैंड है. यहां वैष्णव संस्कृति का प्रचलन है.

15. सोनोवाल एक कुशल वक्ता भी हैं. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी उनकी उस कला की तारीफ कर चुके हैं. वह असम बीजेपी के प्रवक्ता भी रहे हैं.

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