ऐसा लगता है कि बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने सियासी दुश्मनों को भी साथ ला दिया है. वाराणसी में मोदी को रोकने के लिए एक दूसरे के विरोधी माने जाने वाले अजय राय और मुख्तार अंसारी साथ आ गए तो अब नई दोस्ती की सुगबुगाहट पश्चिम बंगाल में हो रही है.
यूं तो ममता बनर्जी और लेफ्ट एक दूसरे के प्रखर विरोधी हैं. पर सीपीआई का मानना है कि वह मोदी को रोकने के लिए कुछ भी कर सकते हैं.
सीपीआई नेता एबी वर्धन ने कहा कि राजनीतिक कारणों से उन्हें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस से गठबंधन करने में कोई गुरेज नहीं है.
वर्धन ने एक न्यूज चैनल से कहा, 'अगर मोदी को रोकना संभव रहा है तो हम ऐसा करेंगे. मैं बीजेपी को 160-170 सीटों से ज्यादा नहीं देता, इस नंबर के साथ एनडीए 210 से ज्यादा सीटें नहीं जीत पाएगा. ऐसे में बीजेपी को शासन में आने से रोकना हमारा मकसद होगा. इसे लेकर सारे ऑप्शन खुले हैं, चाहे वह ममता बनर्जी को साथ लाना ही क्यों न हो?'
गौरतलब है कि वर्धन के इस बयान पर ममता बनर्जी की पार्टी की ओर से अभी तक कुछ नहीं कहा गया है. ममता बनर्जी का लेफ्ट विरोध जगजाहिर है. 2011 में लेफ्ट फ्रंट की सरकार को हराने के बाद ममता ने अकसर ही पश्चिम बंगाल की बदहाली के लिए लेफ्ट को जिम्मेदार बताया है.