पश्चिम बंगाल में नया इतिहास लिखने वाली तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने जीत के बाद लोगों के सामने आकर कहा कि यह बंगाल को मिली आजादी है. तृणमूल कांग्रेस की अगुवाई वाले गठबंधन ने प्रदेश में ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए 34 सालों में पहली बार वाम मोर्चे के गढ़ को उखाड़ फेंका है.
ममता ने अपने चिर परिचित अंदाज में कहा कि यह मां, माटी और मानुष की जीत है. उन्होंने लोगों को सलाम करते हुए कहा, ‘मैं हर तबके का ख्याल रखूंगी.’
उन्होंने कहा कि सभी को इस जीत का काफी अरसे से इंतजार था. आज बंगाल में सच्चा लोकतंत्र आया है.
इसके साथ ही ममता बनर्जी ने लोगों से राज्य में शांति बनाये रखने की अपील की है.
जीत के बाद मावुक दिख रही ममता ने कहा, ‘हम अच्छी सरकार, बेहतर प्रशासन देंगे. कोई तानाशाही नहीं देंगे. हम लोकतंत्र की जीत चाहते हैं. अत्याचार समाप्त होगा. लोगों की इच्छा ही सर्वोपरि होगी.’ उन्होंने कहा, ‘यह पिछले 35 वर्षों के अत्याचार, प्रताड़ना और उन्हें वंचित किये जाने के खिलाफ लोगों की जीत है.’ ममता ने कहा, ‘न केवल बंगाल में बल्कि दुनिया में लोग इस जनादेश पर नजर रखे हुए थे और हम उन सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं.’
ममता ने कहा कि उनकी सरकार लोकतंत्र को वापस लायेगी और एक पार्टी के प्रभुत्व को समाप्त करेगी. तृणमूल कांग्रेस की 54 वर्षीय नेता ने जोश से लबरेज अपने समर्थकों से कहा, ‘यह जीत लम्बे संघर्ष के बाद सामने आई है. यह स्वतंत्रता संघर्ष की तरह है.’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें लोगों को गठबंधन की जबर्दस्त जीत पर बधाई देने को कहा है. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री हमारी जीत पर उत्साहित हैं.’ वर्षों के शासन के बाद सरकार में बदलाव के कारण राजनीतिक हिंसा की आशंका के बीच ममता ने लोगों से शांति बनाये रखने और किसी तरह के उकसावे में नहीं आने की अपील की.
उन्होंने कहा, ‘कृपया शांति बनाये रखें. उकसावे में नहीं आयें. यह गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर का 150वां जयंती वर्ष है. हमें शांतिपूर्ण ढंग से इसे टैगोर को समर्पित करते हुए मनाना चाहिए.’ ममता ने कहा कि यह जंगल महल (नक्सल प्रभावित जंगल क्षेत्र) की जीत है, पहाडों की जीत है, अल्पसंख्यक भाइयों की जीत है.