शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे को औरंगजेब करार देते हुए लोगों से अपील की है कि वो इनके झांसे में न आएं. उन्होंने कहा, ‘गली में दादागीरी और दिल्ली में लाचारी करनेवाले नेताओं को अब हमेशा के लिए घर बैठाओ. महाराष्ट्र के मॉडर्न औरंगजेब के झांसे में न आएं.’ सामना में एक इंटरव्यू के जरिए उन्होंने ये बातें कही.
उन्होंने लोगों से कहा, ‘वोट टूटने का डर मत दिखाओ. इस समय एमएनएस खत्म हो चुकी है. जनता स्थिर और मजबूत सरकार के लिए मतदान करेगी और वोट तोड़नेवालों को उखाड़ फेंकेगी.’ उन्होंने जोर देते हुए कहा, ‘मैं पीठ पर वार नहीं करता हूं.’
भारतीय जनता पार्टी से अच्छे संबंध का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘सिर्फ एक व्यक्ति की वजह से बीच में तनाव पैदा हुआ.’
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में ‘झाड़ू’ यानी आम आदमी पार्टी जरा भी नहीं चलेगी, शिवसेना ही यहां आम जनता की आवाज है. उद्धव ने स्पष्ट किया, ‘केजरीवाल भगोड़ा है. उसका महाराष्ट्र में कोई आधार नहीं.’
‘पवार को एनडीए में नहीं आने देंगे’
इससे पहले उद्धव ने सोमवार को सामना को दिये इंटरव्यू में दो टूक शब्दों में कहा था की वे एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को एनडीए में शामिल नहीं होने देंगे. दरअसल उद्धव ठाकरे से सवाल किया गया था की पवार और उनकी पार्टी के नेता मोदी को लेकर नर्म रूख अपना रहे हैं और बयान भी उनके पक्ष में दे रहे हैं.
उद्धव ने कहा, ‘देखिये शरद पवार की यही तो खूबी है की वो चार-पांच पत्थरों पर एक साथ पैर रख कर चलते हैं और फिर जिस तरफ हवा का रूख होता है उस तरफ निकल लेते हैं. इस बार एनडीए के पक्ष में पूरे देश में माहौल है और अब वो एनडीए में आने का सपना देख रहे हैं. लेकिन मैं, गोपीनाथ मुंडे, राजू शेट्टी और रामदास अठावले उन्हें अंदर नहीं आने देंगे. किसी भी हालत में नहीं.’
उद्धव ठाकरे पवार के उस बयान पर भी जम कर बरसे जिसमें उन्होंने लोगों से उंगली की स्याही पोंछ कर दोबारा मतदान करने की बात कही थी. उद्धव ने कहा, ‘अगर ये लोग इसे लाइटली बोल सकते हैं तो गंभीर होकर ये क्या करते होंगे? मतलब किसानों की बददुआओं के बावजूद उनका वोट कैसे मिल सकता है? इस प्रश्न का उत्तर जो किसी को नहीं मिला वह आज पवार ने खुद ही दे दिया.’
आचार संहिता केवल हिंदुओं के गले में क्यों?
उद्धव ने कहा, ‘आचार संहिता की फांस सिर्फ हिंदुओं के गले में डाली जा रही है. हमें इस चुनाव में हिंदुत्व की राजनीति नहीं करनी है लेकिन दूसरी ओर तो निधर्मीपन की ढाल बनाकर मुसलमानों की दाढ़ी सहलाने का काम शुरू ही है ना? मुंब्रा-कौसा क्षेत्र में घुसकर अपराधियों को पकड़ने पर पुलिसवालों पर पाबंदी क्यों है? क्या इसलिए कि इससे किसी की भावनाएं आहत होंगी?’
उन्होंने सरकार को संजय दत्त के मामले पर भी घेरा. उन्होंने कहा, ‘साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और कर्नल पुरोहित को सड़ाया जा रहा है. उनके बारे में कोई कुछ नहीं बोलता. क्यों केस नहीं चलाया जाता?
संजय दत्त अपराधी साबित होने के बावजूद पैरोल पर बाहर आकर घूमता रहता है और ये हमारे लोग किसी मामले में हाथ न होते हुए भी 5-6 सालों से जेल में सड़ रहे हैं. आपको याद होगा कि जब संजय दत्त जेल में था तब शिवसेना प्रमुख ने कहा था कि अगर वह गुनहगार है तो उसे सजा दो, उसे फांसी पर लटकाओं लेकिन सिर्फ संदेह के आधार पर उसे खत्म मत करो. अब ठीक यही इन दोनों के बारे में चल रहा है.’