तटीय कर्नाटक के उडुपी में प्रधानमंत्री मोदी के चुनाव प्रचार के एक दिन पहले ही उडुपी के 8 प्रमुख मठों में से सबसे महत्वपूर्ण श्रीकृष्ण मठ की ओर से एक बड़ा बयान आया है. उडुपी के श्रीकृष्ण मठ के प्रमुख विद्याधीष तीर्थ स्वामी ने चुनावों को लेकर कहा है कि मठ का आशीर्वाद उसी को मिलेगा जो राष्ट्रभक्त है, जो गौ प्रेमी है और जो धर्म में विश्वास करता है.
मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी उडुपी में चुनावी रैली करेंगे. साथ ही रैली के पहले उनका श्रीकृष्ण मठ का दौरा भी प्रस्तावित है. उडुपी में कुल 8 मठ हैं जिसमें श्रीकृष्ण मठ सबसे प्रमुख माना जाता है और जिसकी मान्यता भी सबसे ज्यादा है. मध्वाचार्य समर्थक वैष्णव ब्राह्मणों के लिए श्रीकृष्ण मठ की मान्यता सबसे ज्यादा है. मठ से जुड़े लोगों का दावा है कि पिछले 800 सालों से मध्वाचार्य समर्थक अपनी परंपरा के तहत इस मठ में भगवान कृष्ण की सेवा करते आ रहे हैं.
मठ के प्रमुख विद्याधीष तीर्थ स्वामी का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए भी श्रीकृष्ण मठ में माथा टेक चुके हैं. कर्नाटक में चुनाव के मद्देनजर हर पार्टियों के बड़े नेता अलग-अलग मंदिरों में माथा टेककर ना सिर्फ भगवान का आशीर्वाद लेने की कोशिश कर रहे हैं बल्कि सभी राजनीतिक दलों में खुद को एक दूसरे से बड़ा हिंदू दिखाने की होड़ सी मची हुई है.
तटीय कर्नाटक में हिंदुत्व का मुद्दा सबसे प्रमुख माना जा रहा है ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी के श्रीकृष्ण मठ के प्रस्तावित दौरे को विरोधी भी इसी नजरिए से देख सकते हैं. फिलहाल मठ के प्रमुख द्वारा दिए गए इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. मंगलवार को उडुपी में रैली से पहले प्रधानमंत्री मोदी की मठ में प्रस्तावित यात्रा के मद्देनजर मठ के आस-पास के इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.