उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव होना है. स्थानीय जनता लंबे समय से स्थानीय प्रत्याशी की मांग करती चली आ रही है. इतना ही नहीं, वोटर्स ने बाहरी प्रत्याशियों का बहिष्कार कर उन्हें वोट ना देने तक की बात कही है, लेकिन आजाद समाज पार्टी से जाहिद हुसैन और बहुजन समाज पार्टी से शाहनजर को छोड़कर मुख्य पार्टियों ने इस बार भी बाहरी कैंडिडेट्स को ही चुनावी मैदान में उतारा है.
इस उपचुनाव में एनडीए से लोक दल प्रत्याशी मिथलेश पाल, समाजवादी पार्टी से सुम्बुल राणा और AIMIM से अरशद राणा चुनावी ताल ठोक रहे हैं.
राजनीति के जानकारों की मानें तो आजाद समाज पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के स्थानीय प्रत्याशी होने के बावजूद इस सीट पर लोकदल प्रत्याशी मिथलेश पाल और समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी सुम्बुल राणा में ही टक्कर बताई जा रही है.
बता दें कि 2012 में हुए परिसीमन से पहले यहां मोरना विधानसभा हुआ करती थी, लेकिन परिसीमन के बाद मोरना विधानसभा जहां खत्म हो गई, तो वहीं मीरापुर को नई विधानसभा बना दिया गया था.
राजनीति के एक्सपर्ट्स की मानें तो 1985 के बाद से अब तक जितने भी चुनाव इस सीट पर हुए हैं, उसमें एक भी स्थानीय विधायक यहां की जनता को नहीं मिला है.
इस सीट पर 1985 में कांग्रेस से साईदुज्जमा, 1989 में जनता दल से अमीर आलम, 1991 में भाजपा से रामपाल सैनी, 1993 में भाजपा से रामपाल सैनी, 1996 में सपा से संजय सिंह, 2002 में बसपा से राजपाल सैनी, 2007 में लोकदल से कादिर राणा, 2009 में लोकदल से मिथलेश पाल, 2012 में बसपा से मौलाना जमील, 2017 में भाजपा से अवतार सिंह भड़ाना और 2022 में लोकदल से चंदन सिंह चौहान विधायक रहे हैं.