उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद की मीरापुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की नामांकन प्रक्रिया 25 तारीख को समाप्त हो गई थी. इस सीट पर उपचुनाव के लिए कुल 34 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था. सोमवार को इन नामांकन पत्रों की जांच हुई. जांच के दौरान विभिन्न खामियों के चलते 22 प्रत्याशियों के नामांकन निरस्त कर दिए गए. वहीं 12 प्रत्याशियों के नामांकन को स्वीकृत किया गया है. अब मतदान के दिन मीरापुर विधानसभा सीट के बूथों पर सिर्फ एक ही ईवीएम मशीन की जरूरत पड़ेगी.
बता दें की जिन प्रत्याशियों के नामांकन निरस्त हुए हैं उनके अधिवक्ताओं ने इसके विरुद्ध आपत्ति भी दर्ज की थी. लेकिन सुनवाई के दौरान सभी आपत्तियों को निरस्त कर दिया गया. जानकारी के मुताबिक जांच के दौरान जो नामांकन रद्द किए गए हैं, उनमें सीपीआई से आरपी सिंह, वीर जनशक्ति पार्टी से धन्य कुमार जैन और निर्दलीय रजनीश, मोहम्मद अनस, प्रदीप, बालेंद्र, राजेश कुमारी, विनोद, तरुण, शाइस्ता, जमाल, सैयद, नुसरत, संजीव कुमार, अर्चित जैन और समुद्र जैन सहित अन्य प्रत्याशी शामिल हैं.
जांच प्रक्रिया के बाद अब मीरापुर विधानसभा के उपचुनाव में केवल 12 प्रत्याशी ही मैदान में बचे हैं, जिन्होंने अपने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत लगानी शुरू की है. मीरापुर विधानसभा सीट पर 2022 के चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल से चंदन सिंह चौहान ने जीत दर्ज की थी. लेकिन लोकसभा चुनाव में चंदन सिंह चौहान बिजनौर से सांसद बन गए, जिसकी वजह से मीरापुर सीट खाली हो गई. इस कारण इस सीट पर उपचुनाव की नौबत आई है, जिसके लिए 13 नवंबर को मतदान होना है.
मीरापुर विधानसभा सीट पर एनडीए से लोकदल की मिथलेश पाल चुनावी ताल ठोकेंगी. समाजवादी पार्टी ने सुम्बुल राणा को इस सीट से टिकट दिया है. आजाद समाज पार्टी ने जाहिद हुसैन को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं बहुजन समाज पार्टी ने शाहनजर को तो अपना उम्मीदवार बनाया है. राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो लोकदल को छोड़कर अन्य तीन दलों सपा, बसपा और एएसपी ने मुस्लिम प्रत्याशियों पर दांव लगाया है. इससे मुस्लिम वोटों के विभाजन की संभावना है, जिसका सीधा फायदा लोकदल के प्रत्याशी को मिल सकता है.