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घर से वोटिंग, सख्त कोरोना प्रोटोकॉल... जानिए इस बार कैसे अलग होगा यूपी चुनाव?

इस बार का होने वाला यूपी विधानसभा चुनाव हर बार से अलग होगा. चुनाव आयोग ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए कई व्यवस्था की है. बुजुर्ग और दिव्यांग लोगों को घर से ही वोटिंग की सुविधा दी जाएगी. इसके अलावा मतदान केंद्र बढ़ाने के साथ वोटिंग का समय भी एक घंटा बढ़ा दिया है.

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यूपी में इस बार के चुनाव काफी अलग होंगे. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
यूपी में इस बार के चुनाव काफी अलग होंगे. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • यूपी में करीब 11 हजार पोलिंग बूथ बढ़ाए जाएंगे
  • एक बूथ पर 1200 लोगों की वोटिंग की व्यवस्था होगी

यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं. चुनाव आयोग ने यूपी के नोडल अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद पत्रकारों को बताया कि हम पूरी तरह से चुनाव के लिए तैयार हैं. आयोग इस बार काफी कुछ नया करने जा रहा है. वैसे जनवरी के दूसरे सप्ताह तक यूपी में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है, क्योंकि आयोग पांच जनवरी तक फाइलन वोटर लिस्ट जारी करेगा और उसके बाद ही अधिसूचना जारी हो सकती है. 

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जानिए क्या होगा खास : 

- विधानसभा चुनाव में पूरी तरह से दिव्यांग और 80 साल के ऊपर के लोगों को घर से ही मतदान की सुविधा मिलेगी.

- मतदान केंद्र पर भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए चुनाव आयोग ने बताया कि करीब 11 हजार पोलिंग बूथ बढ़ाए जाएंगे. 

- एक बूथ पर जहां पहले 1500 वोटर हुआ करते थे अब वहां सिर्फ 1200 लोगों की वोटिंग की व्यवस्था होगी.

- यूपी विधानसभा चुनाव में इस बार मतदान के समय को बढ़ा दिया है. मतदाता सुबह 8 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक वोटिंग कर सकेंगे.

- इसबार विधानसभा चुनाव में पूरे राज्य में 400 मॉडल पोलिंग बूथ पनाएंगे. हर क्षेत्र में एक आदर्श पोलिंग बूथ होगा जो हर सुविधा से लैस होगा.

- यूपी चुनाव में महिलाओं के लिए 800 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे जहां महिलाएं आराम से मतदान कर पाएंगी.

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- यूपी के सभी बूथों पर सिर्फ ईवीएम के जरिए ही वोटिंग होगी.

- यूपी चुनाव में पूरी तरह से कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जाएगा. इसके लिए सभी मतदान बूथों पर व्यवस्था की जाएगी.

- चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया है कि कोरोना काल में उनका मुख्य मकसद स्वतंत्र, निष्पक्ष, प्रलोभन मुक्त और सुरक्षित चुनाव कराना है. 


बिहार में यह मिली थी सुविधा: 

बिहार ऐसा पहला राज्य था जहां कोरोना के बाद सबसे पहले विधानसभा चुनाव हुए थे. बिहार चुनाव भी पिछले चुनावों से काफी अलग हुआ था. वहां हर मतदान केंद्र पर सिर्फ एक हजार मतदाताओं ने ही वोट डाले. मतदान केंद्रों पर सैनिटाइजर से लेकर मॉस्क तक की भी सुविधा दी गई थी.

बिहार में भी मतदान का समय एक घंटा बढ़ाया गया था. वहां सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान हुए. कोरोना से संक्रमित मरीजों को मतदान के आखिरी घंटे में अपने संबंधित मतदान केंद्रों पर स्वास्थ्य अधिकारियों की देखरेख में वोट डालने की सुविधा दी गई थी. चुनाव प्रचार के दौरान जनसभाओं में सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने के लिए कहा गया था. नामांकन दाखिल करने के लिए उम्मीदवारों के लिए भी नियम बनाए गए. उम्मीदवार को मिलाकर 5 लोगों को घर-घर जाकर कैंपेनिंग करने की अनुमति दी गई थी.

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