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अखिलेश का मोदी पर वार, शेरों के बदले हमने भी तो दिए हैं लकड़बग्‍घे

'गुजरात के शेर' पर उत्तर प्रदेश में काबू पाने में मुश्किल संबंधी बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि शेरों के बदले गुजरात सरकार को लकड़बग्घे दिए गए थे.

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अखिलेश यादव
अखिलेश यादव

'गुजरात के शेर' पर उत्तर प्रदेश में काबू पाने में मुश्किल संबंधी बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि शेरों के बदले गुजरात सरकार को लकड़बग्घे दिए गए थे.

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संवाददाताओं से बातचीत में अखिलेश ने कहा कि मोदी यह बात क्यों नहीं बताते. उन्होंने कहा कि राजनीति में पूरा शिष्टाचार होना चाहिए. अभी तो मैंने एक ही जानवर का नाम लिया है. एक का नाम तो उन्होंने बता दिया. बाकी भी मांगे थे, कहें तो खुलकर बता देंगे. गौरतलब है कि मोदी ने आज बरेली में एक जनसभा में कहा था कि गुजरात के शेर को संभालना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के बस का रोग नहीं है. इसलिए उन्होंने तय किया है कि इस शेर से डर लग रहा है, लिहाजा उसको तो पिंजरे में ही रखना पड़ेगा. गुजरात का शेर शेरदिल लोगों के साथ जीना चाहता है.

तीन हजार एकड़ में रखे जाएंगे शेर
अखिलेश ने कहा कि गुजरात के शेर को इटावा में तीन हजार एकड़ क्षेत्र में बनने वाली लायन सफारी में रखा जाएगा. फिलहाल वे चिड़ियाघर के पिंजरे में हैं. उन्होंने शेरों द्वारा अभिवादन किए जाने संबंधी सपा के प्रांतीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी के बयान पर मजाकिया लहजे में कहा कि हम और चौधरी साहब चिड़ियाघर में शेर देखने पहुंचे थे. तब शेरों ने दहाड़ लगाई थी. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया था कि शेर आपका अभिवादन कर रहे हैं.

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चौधरी ने गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार नरेंद्र भाटी के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किए जाने पर कहा कि अभी उन्होंने इस मामले पर गौर नहीं किया है. अगर भाटी ने बूथ स्तर पर तैयारी के लिए कुछ कहा है तो तैयारी तो करनी ही पड़ेगी.

बाहरी उम्‍मीदवार लोकतंत्र के लिए खतरा
अखिलेश ने आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली तथा उनके बेटे राहुल गांधी के चुनाव क्षेत्र अमेठी से सपा का प्रत्याशी नहीं उतारने का ऐलान किया और बीजेपी द्वारा इन क्षेत्रों से बाहरी उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाए जाने को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया. सपा के प्रां‍तीय अध्‍यक्ष राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि रायबरेली और अमेठी में सपा ने पिछली बार भी प्रत्याशी नहीं उतारा था. इस बार भी तय किया है कि वहां कोई प्रत्याशी नहीं होगा. उन्होंने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लोकसभा क्षेत्र के लोगों का अपने जनप्रतिनिधि से गहरा संबंध होता है. आप भी जानते हैं कि प्रचार के लिए कितना खर्च किया जा रहा है. जिनका जनता से कोई संबंध नहीं, उन्हें प्रत्याशी बनाया गया है. यह लोकतंत्र के लिए खतरा है.

गौरतलब है कि बीजेपी ने अमेठी से अभिनेत्री एवं राज्यसभा सदस्य स्मृति ईरानी को जबकि रायबरेली क्षेत्र से सुप्रीम कोर्ट के वकील अजय अग्रवाल को मैदान में उतारा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हर कोई जानता है कि बीजेपी अपना प्रचार कराने के लिए एक हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है. हम भी प्रचार में आगे हैं लेकिन मैनेजमेंट में पीछे हैं.

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इस मौके पर बीजेपी के पूर्व सांसद अशोक पटेल, आगरा के मेयर इंद्रजीत आर्य, अंबेडकर महासभा के अध्यक्ष लालजी प्रसाद निर्मल और बसपा विधायक छोटेलाल वर्मा के परिजन सपा में शामिल हो गए.

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