बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने आज आरोप लगाया कि सोनिया गांधी मुस्लिम नेताओं से यह सुनिश्िचत करने की अपील कर घोर सांप्रदायिकता कर रही है कि उनके वोट बंटने नहीं चाहिए. उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग को इस संबंध में कार्रवाई करनी चाहिए.
मोदी दिल्ली के समीप गाजियाबाद के इंदिरापुरम में बीजेपी के उम्मीदवार के पक्ष में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. सोनिया गांधी द्वारा जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी से मुलाकात की पृष्ठभूमि में मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने हार को भांप लिया है. लिहाजा अब उनका नारा धर्मनिरपेक्षता से बदल कर घोर सांप्रदायिकता हो गया है. मोदी ने कहा कि मैं चुनाव आयोग से अपील करूंगा कि सांप्रदायिकता के आधार पर वोट मांगना चुनाव आयोग के नियमों के विरुद्ध है, क्योंकि चुनावों की घोषणा की जा चुकी है.
उन्होंने कहा कि 24 घंटे बीत चुके हैं और खबर पहले ही मीडिया में आ गई है. चुनाव आयोग इस सिलसिले में खुद कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है. इसी मंच से उन्होंने पड़ोसी जिले गौतमबुद्धनगर के बीजेपी उम्मीदवार के लिए भी वोट मांगे. वह नोएडा के इस नगर में नहीं गए, जहां यह प्रचलित मान्यता है कि जो नेता उस नगर में आता है, अपनी स्थिति गंवा देता है. मोदी ने कहा कि सोनिया ने देश को गुमराह करने और विभाजित करने की गलती की है.
लोग इस तरह की राजनीति को कभी माफ नहीं करेंगे. कांग्रेस के लिए धर्मनिरपेक्षता पहला धर्म है और हमारा लिये देश प्रथम है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के लिए धर्मनिरपेक्षता एकजुटता और विकास के लिए है जबकि कांग्रेस की परंपरा बांटने और शासन करने की है.
गुलाबी क्रांति के लिए परेशान है कांग्रेस
मोदी ने मांस निर्यात के लिए सरकार के कथित समर्थन का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि वह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए भारी संकट देख पा रहे हैं क्योंकि किसान अपने पशुओं को मांस निर्यातकों को बेच रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम हरित एवं श्वेत क्रांति चाहते हैं लेकिन कांग्रेस 'गुलाबी क्रांति' के लिए चिंतित है. यदि बारिश नहीं हुई तो पशुओं के अभाव में ग्रामीण अर्थव्यवस्था चौपट हो जायेगी. मांसाहारियों को अधिक धन खर्च करना पड़ेगा क्योंकि संप्रग सरकार मांस निर्यात पर जोर दे रही है.