बीजेपी के सहयोगी एमडीएमके ने 26 मई को नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को आमंत्रित किए जाने का विरोध करते हुए बुधवार को कहा कि उनकी मौजूदगी तमिल लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचाएगी.
पार्टी के संस्थापक वाइको ने दावा किया कि लिट्टे के खिलाफ श्रीलंका के अभियान में कथित तौर पर मदद करने के लिए तमिलनाडु के लोगों ने कांग्रेस को बाहर का रास्ता दिखा दिया. इस अभियान में ‘हजारों तमिल नागरिक मारे गए थे.’ ‘व्यक्त ना की जा सकने वाली पीड़ा’ के साथ वाइको ने मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह से राजपक्षे को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की मंजूरी ना देने की मांग की.
उन्होंने कहा कि इससे दुनिया भर के तमिलों की भावनाएं आहत होंगी.
वाइको ने एक बयान में कहा, ‘राजपक्षे को कथित रूप से निमंत्रण भेजा गया जो इस तरह की स्थिति में एक झटके के तौर पर आया है.’ उन्होंने कहा कि केंद्र का यह तर्क कि राजपक्षे को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए भेजा गया आमंत्रण दक्षेस देशों के नेताओं को भेजे गए आमंत्रण का हिस्सा है, अस्वीकार्य है और समारोह में उनकी भागीदारी से तमिल लोगों को ‘पीड़ा और अफसोस’ होगा.