लोकसभा चुनावों के मद्देनजर शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के बीच मराठी वोटों को हथियाने की जबरदस्त होड़ लगी है. बाला साहेब को हथियार बनाकर दोनों भाई एक दूसरे पर कीचड़ उछाल रहे हैं.
राज ठाकरे बुधवार को मुंबई से सटे कल्याण लोकसभा सीट से एमएनएस उम्मीदवार प्रमोद राजू पाटिल के चुनाव प्रचार में बोल रहे थे. मामला लोगों से वोट अपील का ही था लेकिन निशाना बनाया शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को. उन्होंने कहा कि मैंने कभी बाला साहेब ठाकरे की पीठ में खंजर नहीं घोंपा.
उन्होंने कहा कि जब हार्ट सर्जरी के लिए उद्धव ठाकरे हॉस्पिटल में एडमिट थे तो बाला साहेब ठाकरे ने मुझे फोन कर बुलाया था. उन्होंने मुझे अपना समझा था, तभी बुलाया. उन्होंने छगन भुजबल, गणेश नाइक, नारायणा राणे को फोन नहीं किया था. हॉस्पिटल से जब उद्धव ठाकरे को गाड़ी में घर छोड़कर आया तब तक मैंने स्वर्गीय बाला साहेब ठाकरे की पीठ पर खंजर नहीं घोंपा था. जब मैं शिवसेना से बाहर निकला तो मुझे ठाकरे फैमिली का कभी फोन नहीं आया.
'बाल ठाकरे को अंतिम दिनों में नहीं मिलता था अच्छा खाना'
दरअसल रविवार की पुणे की रैली में राज ने उद्धव पर बाला साहेब की स्मारक को लेकर निशाना साधा तो उद्धव ने भी जवाबी हमला कर राज को पीठ में छुरा भोंकने वाला बता डाला. इसी हमले से छटपटाए राज ने डोम्बिवली की इस रैली में ये भी आरोप लगाया कि बाला साहेब को उनके अंतिम दिनों में खाना भी ठीक से नहीं मिलता था.
राज ठाकरे ने कहा 'एक दिन मैं बाला साहेब के साथ बैठा था. उन्हें खाने में दो बटाटा वड़ा आया छोटा सा. मैंने बोला ये आपकी तबीयत के लिए हानिकारक है. उन्होंने कहा कि यही मुझे मिलता है. मैंने पूछा आपके लिए चिकन सूप भेजूं क्या? तो उन्होंने कहा भेजो. उसके बाद से कोमा में जाने तक मेरा भेजा हुआ सूप ही पीते रहे. तब उद्धव को याद नहीं आया कि मैंने खंजर भोंका.'
अलग हो चुके अपने चचेरे भाई और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की आलोचना करते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि उद्धव को उनके साथ गठबंधन करने की आवश्यकता महसूस हुई.
कल्याण-डोम्बिवली लोकसभा सीट से अपनी पार्टी के उम्मीदवार राजू पाटिल के लिए चुनाव प्रचार करते हुए राज ने कहा, ‘मैं उनके फोन की प्रतीक्षा नहीं कर रहा था. मैंने कभी आवश्यकता नहीं जताई. आपने (उद्धव) आवश्यकता दिखाई. बीजेपी के नेता जब मुझसे मिलने आए तो आपने अपने अखबार के माध्यम से उनकी आलाचना की. हमें यह क्यों बर्दाश्त करना चाहिए’ उन्होंने कहा, ‘उन्होंने (उद्धव) मुझे फोन क्यों नहीं किया (अगर वह गठबंधन चाहते थे)?’
हम शेर के बच्चे हैं बिल्ली के नहीं: उद्धव
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के जरिए उद्धव ने एक दिन पहले ही कहा था कि जो शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे का नहीं हुआ वो किसी और का क्या होगा. राज ठाकरे के ‘इस बार शिवसेना को औकात दिखा दूंगा’ वाले बयान को साफ तौर पर स्वीकार करते हुए उद्धव ने कहा कि राज को जो भी औकात दिखाना है दिखा सकते हैं. उद्धव ने कहा 'हम शेर के बच्चे हैं बिल्ली के नहीं'.
उद्धव ने राज के बालासाहब ठाकरे की समाधि वाले बयान पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उद्धव ने कहा कि बालासाहब की समाधि स्थल पर लालकृष्ण आडवाणी और शरद पवार तक आए लेकिन राज नहीं आए जबकि उनका घर समाधि स्थल के बिल्कुल पास है. उद्धव ने राज ठाकरे का जवाब देते हुए कहा कि हमने कोई भूखंड नहीं बेचे हैं लेकिन अगर कोई साबित कर देगा तो हम राजनीति छोड़ देंगे और बिल्डरबाजी कौन करता है ये सभी जानते हैं. उद्धव ने कहा 'लोग कहते हैं कि हम रीजनल पार्टी हैं लेकिन ओरिजनल हैं.'
कहते है कि सियासत और सत्ता की स्याह ताकत रिश्तों की मजबूती को भी तार-तार कर देती है. तभी तो दो भाई इस चुनावी मौसम में एक दूसरे पर वार और पलटवार की बमबारी कर रहे हैं. हैरानी नहीं होगी कि राज ठाकरे के इस जवाब पर उद्धव भी इल्जामों का कोई नया पिटारा खोल दें.