आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अगर दिल्ली की जनता चाहेगी, तभी वह सरकार बनाएंगे. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद हम चार महीने के भीतर बिजली कंपनियों की ऑडिट करवाएंगे. तेज चलने वाले मीटरों और गलत बिलों की जांच करवाएंगे.
आज तक के साथ खास मुलाकात में केजरीवाल ने कहा कि हमारी पार्टी बिजली के दाम 50 फीसदी कम करने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे इसका नतीजा कुछ भी हो. टाटा और अंबानी को जाना है तो जाए. भारत में निजी कंपनियों की कमी नहीं है.
केजरीवाल ने माना कि जनता की राय जानने के लिए एसएमएस पोल सही तरीका नहीं है. उन्होंने कहा कि 270 सभाओं से जनता का मूड जानने में काफी मदद मिलेगी. पहली बार चुनावी मैदान में उतरी हमारी पार्टी को 28 सीट मिलना बड़ी बात है. अगर जनता कहेगी तो हम सरकार बनाएंगे. उन्होंने कहा कि हम अकेले भ्रष्टाचार नहीं मिटा सकते.
केजरीवाल ने कहा कि बिजली के दाम करने के बाद हमारी दूसरी प्राथमिकता पिछले 15 सालों में दिल्ली में हुए घोटालों की जांच कराना है. शीला सरकार के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार करने वाले मंत्री जेल जाएंगे. एमसीडी में पिछले 7 सालों से राज कर रही बीजेपी के भ्रष्टाचारी नेताओं को भी जेल भेजा जाएगा.
केजरीवाल नहीं चाहते कि किसी भी दल का समर्थन हासिल करके दिल्ली में सरकार बनाई जाए, लेकिन उसकी पार्टी (AAP) में ही इसे लेकर मतभेद हैं. कुछ लोग चाहते हैं कि सरकार बने तो कुछ लोग इसके खिलाफ हैं. यह बात केजरीवाल ने खुद स्वीकारी.
केजरीवाल ने कहा कि उनके ‘गुरू’ (अन्ना हजारे) उनके दिल में हैं. हालांकि, निहित स्वार्थों वाली राजनीतिक पार्टियों ने दोनों के बीच दरार पैदा करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए हैं. केजरीवाल ने कहा कि ऐसे कई लोग हैं जो मानते हैं कि ये दोनों (अन्ना और केजरीवाल) साथ आकर ‘एटम बम’ से भी शक्तिशाली हो जाएंगे.
केजरीवाल ने माना कि लोकपाल विधेयक को लेकर हजारे के साथ उनका मतभेद है. उन्होंने कहा कि वह मानते हैं कि यह विधेयक ‘कमजोर’ है और मजबूत जनलोकपाल विधेयक के लिए संघर्ष करते रहेंगे.
केजरीवाल ने कहा कि वह जनता के फैसले का सम्मान करेंगे. चाहे वह पार्टी के लिए हो या उसके खिलाफ. उन्होंने बताया कि इस मामले पर पार्टी में मतभेद हैं और विधायकों की बैठक के दौरान एक वर्ग का विचार था कि सरकार बनाने से बचना नहीं चाहिए, क्योंकि कांग्रेस उसे बिना शर्त समर्थन दे रही है.
कुछ विधायकों के अनुसार, पार्टी अपना एजेंडा लागू कर पाएगी, क्योंकि कांग्रेस की तरफ से कोई दखलंदाजी नहीं होगी. कुछ ने कहा कि जितना चल सके, उतने दिनों तक सरकार चलाई जाए.
केजरीवाल ने कहा, 'मैं व्यक्तिगत रूप से सरकार बनाने के खिलाफ था, क्योंकि हमने बार-बार कहा है कि हम कांग्रेस अथवा बीजेपी को न तो समर्थन देंगे और न ही उनसे समर्थन लेंगे, लेकिन बाद में लोगों के एक वर्ग ने यह कहना शुरू कर दिया कि हमें सरकार बनानी चाहिए, जबकि दूसरा वर्ग इसका विरोध कर रहा था, इसलिए हमने इस बारे में फैसला लेने के लिए जनता के पास जाने का फैसला किया.'
हालांकि उन्होंने कहा कि दिल्ली में सरकार बनाने का फैसला रविवार की रात को किया जाएगा और इसकी घोषणा सोमवार को होगी.