नरेंद्र मोदी के जीवन में कई दिलचस्प उतार-चढ़ाव आए. ऐसा भी एक वक्त था जब वह चाय बेचा करते थे. लेकिन किसको पता था कि यही चाय बेचने वाला शख्स एक दिन गुजरात का मुख्यमंत्री बनेगा.
नरेंद्र मोदी के दिमाग से जब सन्यासी बनने का भूत पूरी तरह उतर गया तब उन्होंने अपने भाई के साथ अहमदाबाद में स्टेट ट्रांसपोर्ट ऑफिस के बाहर चाय की दुकान खोल ली. कई साल तक नरेंद्र मोदी ने चाय बेचने का काम किया. यहां तक कि मोदी साइकिल पर केतली रखकर चाय बेचने निकल पड़ते थे.
नरेंद्र मोदी की चाय की दुकान पर अक्सर शाखा से लौट रहे आरएसएस के लोग चाय पीने आते थे. चाय पीते पीते मोदी की उनसे बातचीत भी होती थी. आरएसएस के लोगों पर भी मोदी की बोलने की शैली का खूब असर पड़ता था. एक दिन वहां लक्ष्मण राव इनामदार ने भी चाय पी और उन्होंने नरेंद्र मोदी से आरएसएस से फिर से जुड़ जाने की सलाह दी. कुछ दिनों बाद मोदी ने अपनी चाय की दुकान समेटी और आरएसएस के साथ पूरी तरह से जुड़ गए.