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'The Accidental PM' पर चुप क्यों है सोनिया गांधी: मोदी

प्रधानमंत्री पद के बीजेपी उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू की किताब 'द एक्सीडेंटल पीएम' की ओर इशारा करते हुए ‘सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री कार्यालय से पहले सरकारी फाइलें देखने’ के आरोप पर कांग्रेस अध्यक्ष से जवाब मांगा.

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Narendra Modi
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प्रधानमंत्री पद के बीजेपी उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू की किताब 'द एक्सीडेंटल पीएम' की ओर इशारा करते हुए ‘सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री कार्यालय से पहले सरकारी फाइलें देखने’ के आरोप पर कांग्रेस अध्यक्ष से जवाब मांगा.

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मोदी ने राजनीतिक हलकों में घमसान मचा देने वाले बारू के संस्मरण 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' की ओर इशारा करते हुए कहा,  'शुक्रवार को एक किताब में सबसे बड़े खुलासों में से एक खुलासा किया गया. इसमें दावा किया गया है कि सोनिया प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से पहले फाइलों का निपटारा करती थीं. सरकारी नियुक्तियों, मंत्रालयों के पद, तबादले का फैसला वह करती थीं और फिर प्रधानमंत्री बिना दिमाग लगाए यांत्रिक रूप से इसे मंजूरी देते थे.' मोदी यहां पार्टी उम्मीदवार अनिल शिरोले के समर्थन में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री के पद की गरिमा कम की गई. किताब में किए गए खुलासों के 24 घंटे बाद भी सोनिया गांधी ने चुप्पी साधी हुई है. उन्हें आरोपों का जवाब देना चाहिए क्योंकि लोग जानना चाहते हैं. नरेन्द्र मोदी ने कहा, 'हमने रिमोट कंट्रोल के बारे में सुना था लेकिन इस मामले में रिमोट खुद ही सरकार चला रहा है' उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री पद की गरिमा इसी तरह कम हुई तो दुनिया में कोई भी देश इसकी संवैधानिक अधिकार को स्वीकार नहीं करेगा.

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मोदी ने कहा, 'किताब में किए गए खुलासों में शहजादे (राहुल गांधी) के असंयमित कार्रवाई को भी स्पष्ट किया है जिन्होंने कहा था कि मंत्रिमंडल और प्रधानमंत्री द्वारा मंजूर किए गए (निर्वाचित प्रतिनिधियों की सजा पर) अध्यादेश को फाड़ देना चाहिए. एक अंदरूनी व्यक्ति द्वारा लिखी गई किताब में ये गंभीर आरोप लगाए गए हैं.'

सांस्थानिक अपमान के उदाहरण देते हुए भाजपा नेता ने कहा, राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) के गठन के साथ योजना आयोग (अध्यक्ष) के रूप में प्रधानमंत्री के अधिकार को भी कमतर किया गया जिसने फैसला लेते समय उन्हें अंधेरे में रखा.'

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