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India Today Conclave South 2021: कार्ति चिदंबरम ने बीजेपी को बताया तमिलनाडु विरोधी पार्टी, मिला ये जवाब

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में सहयोगी पार्टी डीएमके फ्रंट पर रहेगी. उन्होंने कहा कि डीएमके और कांग्रेस में सीट बंटवारे को लेकर करार हो चुका है. दोनों दलों के बीच सीट बंटवारा सुनियोजित था और यह गठबंधन धर्मनिरपेक्षता के लिए है. चेन्नई में आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2021 में कार्ति चिदंबरम ने यह बात कही.

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कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम (Credit: Yasir Iqbal)
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम (Credit: Yasir Iqbal)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कार्ति चिदंबरम ने बीजेपी को तमिलनाडु विरोधी बताया
  • DMK तमिलनाडु चुनाव में फ्रंट की लीडर- बोले कार्ति
  • बीजेपी का दक्षिण में हो रहा है विस्तार- कृष्ण सागर राव

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में सहयोगी पार्टी डीएमके फ्रंट पर रहेगी. उन्होंने कहा कि डीएमके और कांग्रेस में सीट बंटवारे को लेकर करार हो चुका है. दोनों दलों के बीच सीट बंटवारा सुनियोजित था और यह गठबंधन धर्मनिरपेक्षता के लिए है. चेन्नई में आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2021 में कार्ति चिदंबरम ने यह बात कही. 

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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2021 में 'मे बैटल मैंडेटः द बैटल फॉर द पेनिस्कुलर पावर' विषय पर बात करते हुए कार्ति चिदंबरम ने बीजेपी को तमिलनाडु विरोध पार्टी करार दे दिया. बहरहाल, तमिलनाडु चुनाव में डीएमके पर कांग्रेस की निर्भरता के सवाल को लेकर कार्ति चिदंबरम ने कहा कि मैं इसे स्ट्राइक रेट फॉर्मूल से समझा सकता हूं. लेकिन मैं यह समझना चाहता हूं कि आप 2019 के चुनावों में 9 में 8 सीटों पर कांग्रेस को मिली जीत को क्यों भूल जा रहे हैं?  

लेकिन क्या इस बार सहयोगियों की बहुत सीमित भूमिका है? इस पर कार्ति चिदंबरम ने कहा कि नहीं, तमिलनाडु में डीएमके और AIADMK के बीच सीधी लड़ाई है और मुझे नहीं लगता है कि इसमें सहयोगियों की कोई भूमिका है. मुझे लगता है कि बीजेपी AIADMK की निगेटिव छवि गढ़ रही है. बीजेपी AIADMK की बिनाह पर तमिलनाडु में पैठ बना रही है. अन्नाद्रमुक बीजेपी की बस बी टीम बनकर रह गई है. 

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कार्ति चिदंबरम ने कांग्रेस और DMK गठबंधन धर्मनिरपेक्षता के लिए है. हम सिर्फ वैल्यू एड के लिए नहीं बल्कि हम गठबंधन के जरिये इसे गुणात्मक तरीके से बढ़ा रहे हैं. कार्ति चिदंबरम ने कहा कि यह साफ है कि तमिलनाडु में DMK फ्रंट की नेता है. 

BJP हिंदी, अपर कास्ट हिंदू की पार्टी-कार्ति

कार्ति चिदंबरम ने बीजेपी को एंटी तमिलनाडु पार्टी करार दिया. उन्होंने कहा कि यह जाहिर सी बात है. वे (बीजेपी) हिंदी, हिंदुत्व की पार्टी है. बीजेपी हिंदी और अपर कास्ट हिंदू की पार्टी है. वे हर जगह हिंदी को थोपना चाहते हैं. तमिलनाडु के नौजवानों में इस बात को लेकर काफी नाराजगी है कि उन पर हिंदी थोपी जा रही है. उनका (बीजेपी) हिंदुत्व का एजेंडा यहां लोगों को परेशान करता है. तमिलाडु में बीजेपी का कभी भी किसी ने तहेदिल से स्वागत नहीं किया. रिकॉर्ड इसकी तस्दीक करते हैं. बीजेपी का तमिलनाडु में न कोई विधायक है और न ही सांसद. 

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2021 (Credit: Yasir Iqbal)

बीजेपी प्रवक्ता का पलटवार

वहीं बीजेपी प्रवक्ता कृष्ण सागर राव ने बीजेपी को तमिलनाडु विरोधी पार्टी बताने के कार्ति चिदंबरम के आरोपों को खारिज कर दिया. कृष्ण सागर राव ने कहा कि यह गलत तरीके से प्रोजेक्ट किया जाता है. यह तथ्य नहीं है. फैक्ट यह है कि देशभर में मतदाताओं के रुख में बदलाव आया है, और यह दक्षिण में भी विस्तार पा रहा है. हम कर्नाटक में यह देख सकते हैं. वह भी साउथ का ही हिस्सा है. 
 
बीजेपी को नो एंट्रीः थोल थिरुमावलवन

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विदुथलाई चिरुथिगाल काची के अध्यक्ष और सांसद थोल थिरुमावलवन ने कहा कि उनकी पार्टी का मकसद तमिलनाडु में जातिवादी को पूरी तरह से मिटाना है. उन्होंने कहा कि हम जातिवाद के खिलाफ हैं. जाति उन्मूलन हमारा मुख्य मकसद है. हम जातिगत भावनाओं या धार्मिक भावनाओं को भड़का नहीं रहे हैं. हम डॉ. अंबेडकर की विचारधारा पर काम कर रहे हैं. हम सामाजिक न्याय के लिए काम कर रहे हैं. हम चुनावी राजनीति की परवाह नहीं करते. 

थोल थिरुमावलवन ने अपनी पार्टी के बारे में बताते हुए कहा कि उनकी पार्टी की दलित ही नहीं, बल्कि सभी लोकतांत्रिक ताकतों को संगठित करने में अहम भूमिका है. उन्होंने कहा, हम द्रमुक, कांग्रेस और वाम दलों के साथ काम कर रहे हैं. यह चुनाव धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिकता के बीच का युद्ध है. हम सांप्रदायिकता के खिलाफ हैं. बीजेपी करुणानिधि और जयललिता की गैर मौजूदगी में तमिलनाडु में पैर जमाने की कोशिश कर रही है. लेकिन, मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि उन्हें चुनाव में एक भी सीट नहीं मिलने वाली क्योंकि तमिलनाडु के लोग सामाजिक न्याय चाहते हैं. तमिलनाडु की जनता बीजेपी की सांप्रदायिक राजनीति को जानती है. राज्य में लोग कभी भी सांप्रदायिक राजनीति को नहीं चुनेंगे. वे सांप्रदायिक ताकतों को सबक सिखाएंगे.

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