पुडुचेरी में कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल घिर आए हैं. कांग्रेस के चार विधायकों के इस्तीफे के बाद सरकार अल्पमत में आ गई है. इस बीच कांग्रेस के दो और विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. राजभवन विधानसभा क्षेत्र से विधायक लक्ष्मी नारायण और के वेंकटेश्वरन के इस्तीफे बाद सीएम नारायणसामी ने इमरजेंसी बैठक बुलाई थी.
बता दें कि पुडुचेरी में पांच दल सक्रिय हैं. 33 सीटों की विधानसभा में 30 विधायक चुनकर आते हैं. तीन सदस्य गैर निर्वाचित हैं. पुडुचेरी कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. कांग्रेस ने 15 सीटें जीतकर द्रमुक के तीन व एक निर्दलीय सदस्य के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. द्रमुक विधायक के वेंकटेशन ने भी इस्तीफा दे दिया है. ऐसे में कांग्रेस अलायंस की संख्या 12 हो गई है.
विपक्ष की बात की जाए तो 2016 के विधानसभा चुनाव में AINRC को सात सीटें, जबकि अन्नाद्रमुक को चार सीटें मिली थीं. सदन में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के तीन नामित सदस्य हैं. पुडुचेरी में तमिलनाडु के साथ चुनाव होना है और इसकी तारीखों का ऐलान होना बाकी है.
इस सियासी घमासान के बीच पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने केंद्र पर विपक्षी पार्टी एआईएनआरसी और अन्नाद्रमुक की मदद से उनकी सरकार को गिराने का प्रयास करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि वो इस्तीफा नहीं देंगे और बहुमत साबित करेंगे.
वहीं, उप राज्यपाल के कार्यालय से जारी स्टेटमेंट में कहा गया था कि संविधान के अनुच्छेद 239 में दी गई शक्तियों का उपयोग करते हुए राज्यपाल ने 22 फरवरी को पुडुचेरी विधानसभा का सत्र बुलाने का निर्देश किया है. शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट के माध्यम से इस बात का निर्णय लिया जाएगा कि किसके पास बहुमत है.