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जयललिता पर हमले की वह कहानी जिसने बदल दी थी तमिलनाडु की सियासत

तमिलनाडु के चुनावी घमासान के बीच कंगना रनौत की आने वाले फिल्म थलाईवी का ट्रेलर रिलीज किया गया है, जिसमें वो जयललिता का किरदार निभा रही हैं. इस टीजर में 32 साल पहले विधानसभा में सदन में जयललिता पर हुए हमले की कहानी को दिखाया गया है, जिसने तमिलनाडु की सियासत को ही पूरी तरह से बदल दिया था.

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जयललिता
जयललिता
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तमिलनाडु में जयललिता-करुणानिधि के बिना होंगे चुनाव
  • 1989 में विधानसभा में हुई थी जयललिता के साथ बदसलूकी
  • 1991 में जयललिता मुख्यमंत्री बनकर सदन में लौटीं

तमिलनाडु की सियासत में पहली बार जयललिता और करुणानिधि के बगैर विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. AIADMK और डीएमके गठबंधन में कांटे का मुकाबला माना जा रहा है. तमिलनाडु के चुनावी घमासान के बीच कंगना रनौत की आने वाले फिल्म थलाईवी का ट्रेलर रिलीज किया गया है, जिसमें वो जयललिता का किरदार निभा रही है. इस टीजर में 32 साल पहले विधानसभा में जयललिता पर हुए हमले की कहानी को दिखाया गया है, जिसने तमिलनाडु की सियासत को ही पूरी तरह से बदल दिया था.

बता दें कि 25 मार्च 1989 का दिन था और तमिलनाडु विधानसभा में बजट पेश किया जा रहा था. डीएमके प्रमुख रहे और तत्कालीन मुख्यमंत्री करुणानिधि ने जैसे ही सदन में बजट भाषण पढ़ना शुरू किया तो कांग्रेस विधायकों ने प्वाइंट ऑफ ऑर्डर उठाया कि पुलिस विपक्ष की नेता जयललिता के खिलाफ अलोकतांत्रिक तरीके से काम कर रही है. जयललिता ने भी सदन में उठकर शिकायत की कि मुख्यमंत्री के उकसाने पर पुलिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है और उनके फोन को टैप किया जा रहा है. 

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कांग्रेस और AIADMK विधायकों की बात पर तमिलनाडु विधानसभा के स्पीकर ने कहा था कि वो इस मुद्दे पर बहस की अनुमति नहीं दे सकते क्योंकि बजट पेश किया जा रहा है. स्पीकर के मुंह से यह बात निकलते ही विपक्ष के सदस्य बेकाबू हो AIADMK के सदस्य चिल्लाते हुए सदन के वेल में पहुंच गए. इसी दौरान विपक्ष के एक सदस्य ने गुस्से में करुणानिधि को धक्का देने की कोशिश की, जिसके चलते उनका संतुलन बिगड़ गया और उनका चश्मा फर्श पर गिर कर टूट गया. इतना ही नहीं AIADMK के एक विधायक ने बजट के पन्नों को फाड़ दिया. इसी बीच विधानसभा स्पीकर ने सदन को स्थगित कर दिया. 

जयललिता विधानसभा से बाहर निकलने के लिए खड़ी ही हुई थीं कि एक डीएमके सदस्य ने उन्हें रोकने की कोशिश की. डीएमके विधायक की इस कोशिश में जयललिता की साड़ी का पल्लू गिर गया और जयललिता भी जमीन पर गिर गईं, जिसके बाद पार्टी विधायकों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. इसके बाद डीएमके और AIADMK विधायकों के बीच जमकर हाथापाई हुई थी. 

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AIADMK सदस्य ने DMK सदस्य की कलाई पर जोर से वार कर जयललिता को उनके चंगुल से छुड़वाया. जयललिता के संग सदन में की गई अभद्रता से वो काफी आक्रोशित हो गई थीं. जयललिता ने प्रतिज्ञा ली की कि वो उस सदन में तभी फिर कदम रखेंगी जब राज्य महिलाओं के लिए सुरक्षित हो जाए और अब सीएम बनकर ही सदन में आएंगी. करुणानिधि के सामने जयललिता के अपमान की घटना ने राज्य की सियासत में निजी वैमनस्य बढ़ाने का काम किया और जनता के बीच डीएमके को लेकर नकारात्मक संदेश गया. 

विधानसभा में हुई बदसलूकी के महज दो साल बाद 1991 में तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव हुए. जयललिता के नेतृत्व वाले एआईएडीएमके और कांग्रेस गठबंधन ने राज्य की 234 सीटों में से 225 पर जीत हासिल कर ली और जयललिता पहली बार राज्य की मुख्यमंत्री बनीं. जयललिता ने एक मामले में आधी रात को करुणानिधि को नींद में उठाकर हवालात में डलवा दिया था. यह तस्वीर पूरे देश ने देखी कि किस कदर करुणानिधि अस्त-व्यस्त कपड़ों में पुलिस के सामने चीख पुकार कर रहे थे. सदन के अपमान का बदला जयललिता ने करुणानिधि से कुछ इस तरह लिया था. इसके बाद से राज्य की सियासत ही पूरी तरह से बदल गई. तमिलनाडु में डीएमके और AIADMK के बीच अदावत और भी बढ़ गई थी. 

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