तेलंगाना में चुनाव हो रहे हैं. प्रचार जोरो पर है और सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने हिसाब से समीकरण सेट करने में जुटी हैं. जीत और हार के गुणा-गणित में समर्थन और विरोध भी महत्वपूर्ण फैक्टर बन गए हैं. दक्षिण भारत के इस सबसे नए राज्य से अब कांग्रेस के लिए अच्छी खबर आई है.
तमिलनाडु की सत्ताधारी डीएमके ने तेलंगाना में कांग्रेस के समर्थन का ऐलान किया है. डीएमके ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि पार्टी तेलंगाना चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों का समर्थन करेगी. डीएमके ने साथ ही तेलंगाना में पार्टी के सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने के लिए जी-जान से जुट जाने के निर्देश भी दिए हैं.
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गौरतलब है कि तमिलनाडु में डीएमके और कांग्रेस का गठबंधन है. एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार का कांग्रेस पहले से ही समर्थन कर रही है. इसके अलावा दोनों ही दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के खिलाफ बने विपक्षी इंडिया गठबंधन में भी साथ-साथ हैं.
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तेलंगाना चुनाव में इंडिया गठबंधन के लिहाज से देखें तो तस्वीर अलग नजर आ रही है. सूबे में एक तरफ जहां डीएमके खुलकर कांग्रेस के साथ खड़ी हो गई है. वहीं, लेफ्ट पार्टियों और आम आदमी पार्टी ने एकला चलो का नारा दे दिया है. लेफ्ट पार्टियों ने तेलंगाना चुनाव में 19 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं.
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बता दें कि तेलंगाना में अगले पांच साल के लिए अपनी सरकार चुनने को मतदाता 30 नवंबर के दिन अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) लगातार तीसरी पर सत्ता पर काबिज होने के लिए पूरा जोर लगा रही है. कांग्रेस की कोशिश तेलंगाना गठन के बाद पहली बार हैदराबाद की गद्दी पर काबिज होने की है. केंद्र की सत्ता पर काबिज बीजेपी भी तेलंगाना में इसबार पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ रही है. चुनाव नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे.