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तेलंगाना चुनाव: बीआरएस नेता रामा राव का दावा- KCR को हराने के लिए कांग्रेस-भाजपा ने की है सांठगांठ

बीआरएस नेता केटी रामा राव ने कहा कि कुछ हद तक सत्ता विरोधी लहर निश्चित रूप से आगामी चुनावों में एक कारक है, जिसे नकारा नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में 10-15 प्रतिशत असंतुष्ट हमेशा होंगे.

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केटी रामा राव ने कांग्रेस और भाजपा पर आरोप लगाया कि दोनों ने तेलंगाना चुनाव में केसीआर को हराने के लिए मिलीभगत की है.
केटी रामा राव ने कांग्रेस और भाजपा पर आरोप लगाया कि दोनों ने तेलंगाना चुनाव में केसीआर को हराने के लिए मिलीभगत की है.

बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष और मंत्री केटी रामा राव ने रविवार को कांग्रेस और भाजपा पर हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों दलों ने आगामी विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की हार सुनिश्चित करने के लिए मिलीभगत की है, ताकि उन्हें केवल तेलंगाना तक सीमित रखा जा सके और उनकी पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर अपना विस्तार न कर सके.

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एक समाचार एजेंसी के साथ बातचीत में केटीआर ने इस बात पर जोर दिया कि 30 नवंबर के चुनावों में भाजपा दौड़ से बाहर है. उन्होंने कहा, 'बीआरएस 88 से अधिक सीटों पर आराम से जीत हासिल करेगी और केसीआर जीत की हैट ट्रिक लगाने के लिए तैयार हैं, वह लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. दक्षिण भारतीय राज्यों में यह पहली बार होगा.'

'कुछ हद तक सत्ता विरोधी लहर है, लेकिन BRS जीतेगी'

एक प्रश्न का उत्तर देते हुए केटी रामा राव ने कहा कि कुछ हद तक सत्ता विरोधी लहर निश्चित रूप से आगामी चुनावों में एक कारक है, जिसे नकारा नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में 10-15 प्रतिशत असंतुष्ट हमेशा होंगे. मेदिगड्डा बैराज के खंभों के धंसने के बारे में बोलते हुए, रामा राव ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण का तेलंगाना सरकार को लिखा पत्र 'राजनीति से प्रेरित' है.

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उन्होंने कहा कि भाजपा हर उस राज्य को 'निशाना बनाने के लिए कुख्यात' रही है, जो राजनीतिक रूप से उसके साथ तालमेल नहीं रखते हैं, विरोध करते हैं. केटीआर ने कहा कि न तो भाजपा और न ही कांग्रेस को यह तथ्य पसंद है कि तेलंगाना में लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करने से केसीआर के नेतृत्व वाली बीआरएस निश्चित रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में मजबूत होगी.

'बीआरएस का विस्तार BJP-कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी'

उन्होंने कहा, 'निश्चित रूप से यह बीजेपी और कांग्रेस की पसंद के अनुरूप नहीं है. क्योंकि बीआरएस का विस्तार दोनों पार्टियों के लिए खतरे की घंटी होगी. इसलिए वे यह देखना चाहेंगे कि केसीआर तेलंगाना में सीमित रहें, यदि संभव हो तो वे तेलंगाना में हार जाएं. यही उनका एजेंडा है, इसलिए उन्होंने पहले भी मिलीभगत की है और वे यह सुनिश्चित करने के लिए फिर से भी मिलीभगत करेंगे कि केसीआर तेलंगाना तक ही सीमित रहें.'

जब उनसे पूछा गया कि लोगों को तीसरे कार्यकाल के लिए बीआरएस को वोट क्यों देना चाहिए? तो उन्होंने कहा कि केसीआर के नेतृत्व वाली सरकार ने दो कार्यकालों में असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है, जो प्रति व्यक्ति आय और आईटी निर्यात जैसे मापदंडों में अभूतपूर्व वृद्धि, राज्य में सामाजिक सद्भाव से स्पष्ट है.' केटीआर ने कहा, 'बीआरएस स्थिर सरकार और सक्षम नेतृत्व प्रदान करता है और इसीलिए लोगों को केसीआर की पार्टी को वोट देना चाहिए.'

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'बीआरएस अबकी 2018 के मुकाबले बड़ी जीत दर्ज करेगी'

केटीआर ने कहा, 'हम निश्चित रूप से 2018 की तुलना में बड़ी संख्या में जीत हासिल करेंगे. तब 119 सीटों में से हमने 88 सीटें जीती थीं. इस बार हमें विश्वास है कि हम 88 प्लस जीतेंगे.' कांग्रेस की 'छह गारंटियों' पर, बीआरएस नेता ने कहा कि उस पार्टी के पास 'कोई वारंटी नहीं' है और वह अतीत में पीने के पानी, बिजली और सिंचाई सुविधाओं जैसी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने में बुरी तरह विफल रही है. कांग्रेस पार्टी अब जर्जर हो चुकी है और चुनावी वादों को पूरा करने में असमर्थ है.' 

'जी किशन रेड्डी खुद चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा सके'

इस सवाल का जवाब देते हुए कि के. चंद्रशेखर राव विधानसभा चुनाव में दो निर्वाचन क्षेत्रों से क्यों चुनाव लड़ रहे हैं? उन्होंने पूछा कि केसीआर को ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए. केटी रामाराव ने कहा, 'नरेंद्र मोदी पहले भी दो सीटों पर चुनाव लड़ चुके हैं.' भाजपा के बारे में एक सवाल पर उन्होंने कहा कि तेलंगाना भाजपा के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी खुद चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं कर सके, जो राज्य में भगवा पार्टी की स्थिति का संकेत है.

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