उत्तर प्रदेश में सियासी हलचल तेज है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा आज ललितपुर पहुंच गई हैं. बीती शाम प्रियंका ट्रेन से ललितपुर के लिए रवाना हुई थीं. प्रियंका उस किसान के घर जाएंगी, जिसकी मौत खाद के लिए लगी लाइन में हो गई थी. लखनऊ से ललितपुर रवाना होने से पहले प्रियंका ने स्टेशन पर कुलियों से मुलाकात की.
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की नैया पार लगाने की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी वाड्रा के कंधे पर है. इस वजह से प्रियंका काफी सक्रिय हैं. कभी वो लखीमपुर में मारे गए किसानों के परिजनों से मिलने पहुंच रही हैं तो कभी आगरा में पुलिस कस्टडी में मारे गए अरुण वाल्मीकि के परिवार से मिलने. इसी कड़ी में आज प्रियंका ललितपुर पहुंची हैं.
प्रियंका गांधी लखनऊ से ट्रेन से ललितपुर पहुंचीं. इससे पहले उन्होंने लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर कुलियों के एक ग्रुप से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने उनका हाल जाना. कुलियों ने प्रियंका गांधी को अपनी जीविका से जुड़ी समस्याओं को बताया. साथ ही लॉकडाउन के वक्त स्टेशन बंद होने के चलते हो रही समस्याओं को उन्होंने प्रियंका को बताया.
कुलियों की समस्या सुनने और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन देने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा भीड़ से होती हुई स्टेशन पर पहुंचीं और ललितपुर के लिए रवाना हो गईं. ट्रेन से ललितपुर जाने का प्रोग्राम अचानक बना. चारबाग स्टेशन पर लोगों के भीड़ के बीच ही प्रियंका ट्रेन में अपने बोगी तक पहुंचीं.
प्रियंका गांधी वाड्रा ने जिस ए-1 बोगी में सफर किया, उसका एक वीडियो भी सामने आया है. इस वीडियो में सीट पर पैर ऊपर करके बैठीं प्रियंका कुछ लोगों से बातचीत कर रही हैं. उनसे किसानों की परेशानियों के बारे में जानकारी ले रही हैं.
ललितपुर में प्रियंका गांधी वाड्रा मृतक किसान के परिजनों से मुलाकात करेंगी. दरअसल, ललितपुर में खाद के लिए लाइन में लगे एक किसान की हार्टअटैक से मौत हो गई थी. बुंदेलखंड में किसानों को खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. यहां लोगों को दो- दो दिन तक लाइनों में लगना पड़ रहा है.
ललितपुर की यात्रा से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट करके कहा था, 'किसान मेहनत कर फसल तैयार करे तो फसल का दाम नहीं, किसान फसल उगाने की तैयारी करे, तो खाद नहीं, खाद न मिलने के चलते बुंदेलखंड के 2 किसानों की मौत हो चुकी है, लेकिन किसान विरोधी भाजपा सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगा है.'