अंबेडकर नगर की आलापुर विधानसभा सीट जनपद की सुरक्षित सीट है. यह सीट पहले जहांगीरगंज विधानसभा के नाम से जानी जाती थी लेकिन 2007 के नये परसीमन में इसका नाम बदल कर आलापुर रख दिया गया. आलापुर संतकबीर नगर लोकसभा क्षेत्र के अधीन है.
2002 में बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने इसी विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी. जिले के पूर्वी सीमा पर बसे इस विधानसभा क्षेत्र के उत्तरी सीमा से सरयू नदी बहती है. इस विधानसभा में इस बार 3 लाख 30 हजार से ज्यादा मतदाता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
साल 1977 विधानसभा चुनाव में जेएनपी की प्रत्याशी रामरती देवी ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रभु राम को यहां हराया था. 1980 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राम जी राम ने जेएनपी प्रत्याशी राम सम्हार को हराकर विधायक बने थे. 1985 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी कृष्ण कुमार ने लोकदल प्रत्याशी लालसा राम को हराया था.
1989 के विधानसभा चुनाव में जनता दल प्रत्याशी अरुण ने बसपा प्रत्याशी राम कारन वर्मा को हराकर विधानसभा पहुंचे थे. 1991 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी त्रिवेणी राम ने बसपा प्रत्याशी सुक्खू प्रसाद को हराया था.
1993 के विधान सभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी धामू राम भास्कर ने बीजेपी प्रत्याशी त्रिवेणी राम को हराया. 1996 के विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी भीम प्रसाद सोनकर बीजेपी प्रत्याशी त्रिवेणी राम को हराया था. 2002 के विधान सभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी मायावती ने सपा प्रत्याशी भीम प्रसाद सोनकर को इस सीट से मात दी थी.
2017 का जनादेश
2007 के विधान सभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी त्रिभुवन दत्त ने सपा प्रत्याशी घनश्याम चंद्र खरवार को यहां से हराया था. 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी भीम प्रसाद सोनकर ने बसपा प्रत्याशी त्रिभुवन दत्त को हराया. 2017 के विधान सभा चुनाव में भाजपा की अनीता कमल ने सपा प्रत्याशी संगीता कनौजिया को हराकर इस सीट पर कब्जा किया था.
सामाजिक तानाबाना
आलापुर विधान सभा क्षेत्र में गोविन्द साहब धाम आस्था का केंद्र है. यहां दिसंबर महीने में मेला भी लगता है जो एक माह तक चलता है इस दौरान श्रद्धालु गोविन्द सरोवर स्नान कर मठ में पूजा अर्चना भी करते है. इसके अलावा यह क्षेत्र कृषि पर आधारित है. संतकबीरनगर और आजमगढ़ जनपद से इस क्षेत्र की सीमाएं मिलती है.
समस्याएं और मुद्दे
आलापुर विधान सभा क्षेत्र में रोजगार का कोई साधन न होने के कारण यहां के लोगों की मुख्य समस्या बेरोजगारी है. इसके अलावा कृषि क्षेत्र होने के चलते किसानों के लिए हर सीजन में खाद बीज की समस्या यहां बनी रहती है.
(इनपुट - केके पांडेय)
ये भी पढ़ें: