scorecardresearch
 

कैरानाः नाहिद हसन पर घमासान, अखिलेश बोले- परिवार के किसी और सदस्य को दे देंगे टिकट

जनवरी 2020 में नाहिद हसन ने कोर्ट के सामने सरेंडर कर दिया था. तब एक महीना जेल में बिताने के बाद उसे जमानत दे दी गई थी. लेकिन फिर एक साल बाद फरवरी में यूपी पुलिस द्वारा नाहिद, उनकी मां और 38 अन्य लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट तहत कार्रवाई की गई थी.

Advertisement
X
नाहिद हसन को लेकर आमने-सामने बीजेपी और सपा
नाहिद हसन को लेकर आमने-सामने बीजेपी और सपा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नाहिद हसन को लेकर बीजेपी-सपा में जुबानी जंग
  • अखिलेश यादव ने कहा नाहिद हसन नहीं परिवार के किसी अन्य सदस्य को देंगे टिकट

उत्तर प्रदेश के कैराना से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रहे नाहिद हसन की गिरफ्तारी को लेकर बीजेपी और सपा में जुबानी जंग छिड़ी हुई है. हसन की आपराधिक छवि को लेकर अब उस सीट से उनके किसी रिश्तेदार को उम्मीदवार बनाया जा सकता है. इस बात का संकेत पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने खुद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया है. 

Advertisement

यूपी सरकार के पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान के सपा में शामिल होने के मौके पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने इस बात के संकेत दिए हैं. हालांकि बीजेपी आपराधिक छवि के लोगों को उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर समाजवादी पार्टी पर हमलावर है. 

हसन की बहन को टिकट दे सकती है सपा

जब अखिलेश यादव से नाहिद हसन की गिरफ्तारी और कैराना से उम्मीदवारी को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, नाहिद अंसारी को अगर गिरफ्तार कर लिया गया है तो उनके परिवार में जिनके ऊपर एक भी मुकदमा नहीं है उन्हें टिकट दे देंगे.

अखिलेश यादव के इस बयान के बाद अटकलें लगाई जा रही है कि समाजवादी पार्टी नाहिद हसन की बहन इकरा को चुनावी मैदान में प्रत्याशी बनाकर उतार सकती है.  

सपा ने दंगाईयों को दिया टिकट: बीजेपी

Advertisement

बता दें कि बीजेपी प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करते हुए सपा पर निशाना साधते हुए सीएम योगी ने कहा था कि समाजवादी पार्टी ने जो उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है उसने कैराना से हिंदू पलायन के लिए जिम्मेदार लोगों को टिकट दिया गया है. 

उन्होंने कहा था कि मुजफ्फरनगर के दंगाईयों को टिकट दिया गया है और साथ-साथ लोनी में अपराधी और हिस्ट्रीशीटर को भी प्रत्याशी बनाया गया है. यही समाजवादी पार्टी का चरित्र है यही बीजेपी और समाजवादी पार्टी में अंतर है.

यही वजह है कि अब नाहिद हसन की जगह सपा उनके परिवार से किसी और को उम्मीदवार बना सकती है जिसपर कोई भी आपराधिक मामला दर्ज ना हो.

सपा के एक विधायक जेल और एक बेल पर होते हैं: अनुराग ठाकुर

सीएम योगी से पहले अनुराग ठाकुर भी इस मामले को लेकर अखिलेश यादव पर निशाना साध चुके हैं. कानपुर के पूर्व पुलिस कमिश्नर असीम अरुण के बीजेपी में शामिल होने पर सपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि दंगा करने वाले समाजवादी पार्टी में जबकि दंगाइयों को पकड़ने वाले भारतीय जनता पार्टी में आते हैं. उन्होंने कहा था कि जेल और बेल सपा का खेल है. उनके एक विधायक जेल में तो एक बेल पर रहते हैं.

Advertisement

बता दें कि पहले शामली जिले की कैराना सीट से सपा ने नाहिद हसन को अपना उम्मीदवार बनाया था. उसकी उम्मीदवारी पर सवाल इसलिए खड़े हो रहे थे क्योंकि उन पर पहले से कई आपराधिक केस दर्ज हैं. 

जमीन खरीदने के मामले में उन पर धोखाधड़ी का भी केस चल रहा है. शामली की विशेष कोर्ट उन्हें भगोड़ा तक घोषित कर चुकी थी जिसके बाद उसने खुद ही पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. वहीं बीजेपी की माने तो कैराना से जो हिंदुओं का पलायन हुआ है, उसमें भी सपा के नाहिद हसन की अहम भूमिका रही है.

ये भी पढ़ें: 


 

Advertisement
Advertisement