उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले राजनीतिक दलों के बीच वार-पलटवार का दौर लगातार जारी है. इसी क्रम में अब समाजवादी पार्टी (एसपी) और कांग्रेस आमने-सामने आ गई हैं.
दरअसल, 30 अक्टूबर को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बारे में समाजवादियों का यही मानना है कि जो कांग्रेस है, वही बीजेपी है और जो बीजेपी है, वही कांग्रेस है.
प्रिंयका ने किया पलटवार
प्रियंका गांधी रविवार को गोरखपुर में प्रतिज्ञा यात्रा को संबोधित करने पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार किया. प्रियंका ने कहा, सपा बसपा कहती है कि कांग्रेस भाजपा से मिली हुई है. आज मैं उनसे पूछना चाहती हूं, कहां हैं वो, जब संघर्ष होता है तो वे आपके साथ क्यों नहीं आते. सिर्फ कांग्रेस आती है, सिर्फ कांग्रेस लड़ रही है. मैं मंच से कह रही हूं कि मर जाऊंगी, जान दे दूंगी लेकिन भाजपा के साथ कभी मिलावट नहीं करूंगी.
ट्विटर पर भिड़ी सपा और कांग्रेस
वहीं, अखिलेश यादव के बयान को लेकर सपा और कांग्रेस ट्विटर पर भी आमने सामने आ गईं. अखिलेश यादव के इस बयान पर यूपी कांग्रेस ने एक तस्वीर ट्वीट कर कहा, ''काजू भुने प्लेट में, मिनरल वॉटर गिलास में, नकली समाजवाद उतरा है, योगी के आवास में. ईडी-आयकर से बचने के लिए संघर्ष करते हुए अखिलेश जी की एक शानदार तस्वीर.''
कुछ लोग इतने बढ़े मूर्ख होते है की नेताजी के आवास को योगी आवास बताते हैं। और अपनी फ़ितरत को आज भी सत्ता से हटने के बाद नहीं भूले है।। लल्लू व्यक्ति और कर ही क्या सकता है।।#अखिलेश_आ_रहे_है यही सच है।@yadavakhilesh @samajwadiparty https://t.co/fddTIIMQgs
— Dr Anurag bhadouria (@anuragspparty) October 31, 2021
कांग्रेस के इस ट्वीट पर एसपी प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने जवाब देते हुए कहा, ''राजनीतिक लड़ाई अपनी जगह है, मगर सियासत में भी शिष्टाचार मुलाकात होती है, आरोप लगाने से बेहतर है कि अपने गिरेबां में झांकिए कि बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में एसपी का स्तर आपसे कितना ऊंचा है.''
कांग्रेस ने किया पलटवार
यूपी कांग्रेस ने इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी और कहा, ''शिष्टाचार? मुलायम सिंह जी ने मोदी जी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने की कामना की. अखिलेश जी ने आजम खान साहब की गिरफ्तारी पर एक शब्द नहीं बोला. अपने संसदीय क्षेत्र में जनता पर हुई हिंसा पर चुप रहे. जनता भी पूछ रही है कि अखिलेश ड्रॉइंग रूम से बाहर निकलकर संघर्ष करने कब आ रहे हैं?''