UP election: उत्तर प्रदेश में तीन राउंड की वोटिंग के बाद जबरदस्त बयानबाजी हो रही है. एक ओर अखिलेश लगातार प्रहार कर रहे हैं तो दूसरी ओर बीजेपी पूरी ताकत से मैदान में डटी हुई है. इस बीच सोमवार को प्रचार के लिए कानपुर निकले अखिलेश यादव ने आजतक से कहा है कि इस बार यूपी का किसान-नौजवान बीजेपी को माफ करने वाला नहीं है, बल्कि बीजेपी को साफ करने जा रहा है. अखिलेश ने कहा कि यूपी की जनता बदलाव चाहती है.
इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई के साथ विशेष बातचीत में अखिलेश ने कहा है कि बीजेपी भले ही 300 प्लस की बात कर रही हो लेकिन आप उनके चेहरे पढ़ सकते हैं? यूपी में निवेश कहां है, नौकरियां कहां हैं, सीएम कहते थे कि यूपी में मिसाइल बनेगा, तोप बनेगा वो कहां है? आप उनके चेहरे और भाषा से पढ़ सकते हैं कि चुनाव का नतीजा क्या होगा?
बीजेपी के दावों की उड़ाई धज्जियां
अखिलेश ने चुस्त-दुरुस्त कानून-व्यवस्था के बीजेपी के दावों की धज्जियां उड़ाते हुए कहा कि जालौन में एक लड़की की लाश मिली है, आगरा में किडनैपिंग हुई है, उसकी लाश मिली है. आंकड़े कहते हैं कि देश में महिलाएं सबसे ज्यादा असुरक्षित यूपी में हैं. महिला आयोग को सबसे ज्यादा शिकायतें यूपी से मिली है. एनसीआरबी के आंकड़ों को देखना चाहिए. हाथरस की चर्चा होनी चाहिए. जहां बेटी का दाह संस्कार रात को कर दिया गया, क्या ये भूलने वाली घटना है?
बीमार होकर भी क्यों करहल में उतरे मुलायम?
करहल सीट पर मुलायम सिंह के प्रचार के लिए उतरने पर हो रही चर्चाओं का जवाब देते हुए अखिलेश ने कहा कि नेताजी का वो क्षेत्र रहा है और नेताजी वहां से कई बार सांसद रहे हैं, वे वहां पढ़े हैं और पढ़ाए हैं, वहां उन्होंने दांव सीखे हैं. अखिलेश ने आगे कहा, "मैं वहां गया और लोगों से कह दिया कि मैं दूसरों के लिए वोट मांग रहा हूं, आप संभालें, नेताजी केवल एक बार वहां गए, कोई घर का नहीं जा रहा है, बीजेपी को तकलीफ क्या है अगर नेताजी वहां वोट मांग रहे हैं. नेताजी दूर रहते हैं तो मुझे औरंगजेब कहते हैं...नेताजी जब वोट मांगते हैं तो कहते हैं कि ऐसा क्यों कर रहे हैं. आखिरकार बीजेपी की तकलीफ क्या है?"
अखिलेश ने फिर अपने शब्दों में बीजेपी की तकलीफ बताते हुए कहा कि वहां देश के नेता नंबर-2 गए थे, बीजेपी से पूछना चाहिए कि तब कितनी कुर्सियां वहां खाली थी. इससे 100 गुनी भीड़ मेरी सभा में थी. अखिलेश ने कहा कि बीजेपी चुनाव, बेरोजगारी, महंगाई और बीजेपी के द्वारा दिखाए गए सपनों पर क्यों नहीं लड़ रही है.
बीजेपी विधायकों के लिए दरवाजे बंद करने पड़े
अखिलेश ने कहा कि अगर मैं बीजेपी विधायकों के लिए दरवाजे बंद न करता तो पार्टी एक एक विधायक सपा में आने के लिए तैयार था, लेकिन मेरी एक सीमा है. मैं कितने ले सकता हूं. पूर्व सीएम ने कहा कि उनके विधायकों को विरोध झेलना पड़ा. सांसदों को घुसने नहीं दिया गया. क्या लोकतंत्र में कभी ऐसा हुआ है?