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UP Election 2022: सपा ने रामपुर खास में क्यों नहीं उतारा प्रत्याशी, क्या कांग्रेस को रिटर्न गिफ्ट?

सपा प्रमुख अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के खिलाफ कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी न उतारकर सपा को वॉकओवर दे दिया है. वहीं, सपा ने भी कांग्रेस को रिटर्न गिफ्ट दिया है. कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रमोद तिवारी की बेटी आराधना मिश्रा के खिलाफ रामपुर खास सीट पर सपा ने कोई भी प्रत्याशी नहीं उतारा है.

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प्रमोद तिवारी और अखिलेश यादव
प्रमोद तिवारी और अखिलेश यादव
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रामपुर खास सीट पर प्रमोद तिवारी के परिवार का कब्जा
  • 1980 से 2012 तक लगातार प्रमोद तिवारी विधायक रहे
  • सपा के समर्थन से प्रमोद तिवारी राज्यसभा पहुंचे थे

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने करहल सीट पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और जसवंतनगर सीट पर शिवपाल यादव को वॉकओवर दिया है. कांग्रेस ने चाचा-भतीजे के खिलाफ कोई भी प्रत्याशी नहीं दिया तो सपा ने भी कांग्रेस को रिटर्न गिफ्ट दिया है. सपा ने कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रमोद तिवारी की बेटी आराधना मिश्रा के खिलाफ रामपुर खास सीट पर अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है. 

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प्रतापगढ़ की रामपुर खास सीट पर प्रमोद तिवारी परिवार का कब्जा है. प्रमोद तिवारी 1980 से लेकर लगातार 2012 तक कांग्रेस के टिकट पर विधायक रहे हैं. प्रमोद तिवारी राज्यसभा सदस्य चुने जाने के बाद विधायकी से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद उनकी बेटी आराधना मिश्रा (मोना तिवारी) 2014 में पहली बार विधायक बनीं. इसके बाद 2017 में दोबारा से चुनी गईं और तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरी हैं. 

रामपुर खास सीट पर प्रत्याशी उतारती रही है सपा

रामपुर खास पर कांग्रेस प्रत्याशी आराधना मिश्रा के खिलाफ बीजेपी ने नागेश प्रताप सिंह उर्फ छोटे सरकार को उतारा है तो बसपा ने बांकेलाल पटेल को प्रत्याशी बनाया है. रामपुर खास सीट पर मंगलवार को नामांकन का अंतिम दिन था, लेकिन सपा ने किसी भी प्रत्याशी को नहीं दिया. सपा ने आराधना मिश्रा के खिलाफ कैंडिडेट न उतारकर कांग्रेस को एक तरह से वॉकओवर दे दिया है. हालांकि, 2017 के चुनाव से पहले तक अपना प्रत्याशी रामपुर खास सीट पर उतारती रही है. 

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बता दें कि पिछले दिनों ही कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ अपना प्रत्याशी नहीं दिया. हालांकि, कांग्रेस ने पहले मैनपुरी की करहल सीट पर ज्ञानवती यादव को प्रत्याशी को घोषित किया था. सपा ने उस समय तक अखिलेश यादव को यहां से प्रत्याशी नहीं बनाया था. लेकिन, अखिलेश के चुनाव लड़ने के निर्णय के बाद कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी को नामांकन करने से रोक दिया था. जसवंतनगर सीट पर शिवपाल यादव के खिलाफ कांग्रेस ने तो कैंडिडेट के नाम का ऐलान ही नहीं किया. 

गांधी परिवार के खिलाफ भी प्रत्याशी नहीं उतारती सपा

दरअसल, समाजवादी पार्टी गांधी परिवार के खिलाफ अमेठी लोकसभा और रायबरेली लोकसभा सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारती है. सपा यह काम 2009 के लोकसभा चुनाव से कर रही है. ऐसे में कांग्रेस ने भी सपा मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव और आजमगढ़ में अखिलेश यादव के खिलाफ प्रत्याशी नहीं दिया था. इतना ही नहीं कन्नौज सीट पर भी डिंपल यादव के खिलाफ किसी को प्रत्याशी नहीं बनाया था. 

वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने रामपुर खास सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी आराधना मिश्रा को समर्थन करने का ऐलान किया है. इसीलिए सपा ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा. आराधना मिश्रा के पिता प्रमोद तिवारी के सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के साथ करीबी रिश्ते रहे हैं. प्रमोद तिवारी की अखिलेश यादव के साथ भी बेहतर तालमेल है. यही वजह रही कि 2013 में प्रमोद तिवारी सपा के समर्थन से राज्यसभा सदस्य चुने गए थे.

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प्रमोद तिवारी उत्तर प्रदेश की सियासत में जोड़तोड़ की राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं. सूबे में किसी भी पार्टी की सरकार हो प्रमोद तिवारी का सियासी दबदबा कायम रहता है. रामपुर खास इलाके में प्रमोद तिवारी का 41 साल से दबदबा है. एक समय प्रमोद तिवारी और राजा भैया के छत्तीस के आंकड़े रहे हैं, लेकिन अब रिश्ते ठीक ठाक हैं. पिछले दिनों जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में प्रतापगढ़ में प्रमोद तिवारी ने राजा भैया के प्रत्याशी को समर्थन किया था. इसके चलते राजा भैया ने रामपुर खास सीट पर अपना कोई प्रत्याशी नहीं दिया. इसके चलते रामपुर खास सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी आराधना मिश्रा की राह आसान होती दिख रही है.

 

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