उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में छोटे दलों के साथ गठबंधन करने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव अब सहयोगी दलों के साथ मिलकर अपने पक्ष में हवा बनाने के प्रयास में जुट गए हैं. गुरुवार को पीएम मोदी जेवर में एयरपोर्ट की सौगात दे रहे थे, उसी समय अखिलेश लखनऊ से हुंकार भरते दिखे. अखिलेश ने कहा कि एक तरफ एयरपोर्ट बिक रहे हैं और दूसरी एयरपोर्ट बनाए जा रहे हैं. ये बीजेपी के कमाई का खेल है.
पीएम मोदी जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का भूमिपूजन कर विकास की सौगात दे रहे थे, उसी समय अखिलेश यादव उन पर निशाना साधते दिखे. सपा प्रमुख ने कहा कि लखनऊ का अमोसी हवाई अड्डा अब सरकार का नहीं है. सरकार उसे बेच चुकी है. आज जेवर एयरपोर्ट के लिए 90 हजार से ज्यादा कुर्सी लगी और भीड़ जुटाने के लिए पूरा अमला लगा है.
'क्या गरीब हवाई चप्पल पहनने वाला एयरपोर्ट तक पहुंच पाया?'
अखिलेश ने कहा कि एक तरफ हवाईअड्डा बेचते हैं और दूसरी तरफ नया बना रही है. क्या गरीब हवाई चप्पल पहनने वाला हवाई जहाज तक पहुंच पाया? उन्होंने कहा कि देश के सब एयरपोर्ट घाटे में है और एयरलाइंस 60 हजार करोड़ के घाटे में चल रही हैं. ऐसे में एयरपोर्ट बनाना बीजेपी का मुनाफा कमाने का गणित है, क्योंकि जब एयरपोर्ट बन जाएगा तो बीजेपी उसे भी बेच देगी.
वहीं, अखिलेश यादव लखनऊ में जनवादी सोशलिस्ट पार्टी की जनक्रांति महारैली में बीजेपी हटाओ प्रदेश बचाओ नारे के साथ हुंकार भरी. साथ ही 2022 के चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए उन्होंने पिछड़ी जातियों को एकजुट होने का आह्वन किया.
वर्कर्स का जोश बढ़ाते दिखे अखिलेश
जनवादी सोशलिस्ट पार्टी के अध्यक्ष संजय चौहान के साथ मंच शेयर करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि कार्यकर्ताओं के बहुत उत्साह देखकर तो लगता है कि आने वाले समय में बीजेपी का सफाया निश्चित है. उन्होंने कहा कि बीजेपी से हर वर्ग और समाज के लोग दुखी हैं. प्रदेश में इससे पहले भी कई सरकार थीं, लेकिन जनता को इतनी परेशानी किसी सरकार ने नहीं दी है.
अखिलेश यादव जनवादी सोशलिस्ट पार्टी की रैली के जरिए सपा के जातीय समीकरण को भी दुरुस्त करते नजर आए. ऐसे में उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जनता को परेशान करने के साथ-साथ चौहान समाज को भी धोखा देने का काम किया. बीजेपी ने आपके हक को छीना है, उसे सत्ता से उखड़ फेंकने का काम करें. इस तरह अखिलेश मऊ, गाजीपुर, आजमगढ़ सहित पश्चिम यूपी के जिलों में प्रभावी नोनिया और पासी समाज को साधने की कवायद की.
बीजेपी पर चुन-चुनकर किया अटैक
निजीकरण का मुद्दा उठाते हुए अखिलेश ने कहा कि ऐसे ही सरकारी संस्थान और संपत्ति बिक जाएंगे तो दलित-पिछड़ों को आरक्षण कहां से मिलेगा. साथ ही कहा कि किसानों की हालत खराब, धान की फसल खड़ी-खड़ी खराब हो रही. बिजली, खाद, डीजल सब महंगा हो गया. अखिलेश ने कहा कि ये लोग उद्योगपतियों के लिए महंगाई बढ़ा रहे हैं. पढ़ाई बर्बाद की और नौजवान बेकार घूम रहा है. बिजली के बिल से जनता को करेंट लग रहा है.
अखिलेश ने कहा कि 2022 का चुनाव पास है. सपा सब दलों को जोड़ने का काम कर रही है. ओमप्रकाश राजभर, महान दल, कृष्णा पटेल साथ आईं और अब आप भी साथ आकर जुड़ जाइए. ये एक रंग वाले खुशहाली नहीं ला सकते हैं. अभी तक बीजेपी ने अपना कोई काम नहीं किया, बस नाम बदलने का काम किया और दूसरों के काम का उद्घाटन और शिलान्यास कर रहे हैं.
कृषि कानून की वापस लेने पर अखिलेश यादव कहा कि मोदी सरकार ने तीन कृषि कानून को वोट न मिलने के डर से वापस लिए गए. ये किसानों का भला नहीं चाहते हैं. साथ ही कहा कि बीजेपी जाति जनगणना नहीं कराना चाहती, लेकिन सपा सरकार आने के साथ जाति आधार पर जनगणना करवा कर सबका हक दिया जाएगा. अखिलेश ने जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाकर ओबीसी जातियों को साधने का दांव चला है.