उत्तर प्रदेश के चुनाव ऐलान के साथ आजतक ने सियासी नब्ज की थाह लेने के लिए लखनऊ में पंचायत आजतक कार्यक्रम आयोजित किया. 'पंचायत आजतक' के मंच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शिरकत किया और उन्होंने सपा के परिवारवाद के सवाल पर कहा कि जिसका परिवार होगा, वही परिवार का दर्द समझेगा.
बीजेपी द्वारा सपा पर लगाए जा रहे परिवारवाद के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा लॉकडाउन के समय एक मां चलते-चलते आई थी ललितपुर. एक महिला गर्भवती थी, बेटी पैदा हुई. दो घंटे इंतजार किया और वो जाकर फिर अपने घर पहुंची. सरकार ने उस महिला की मदद नहीं की. मैं कहता हूं कि प्रदेश में समाजवादी सरकार होती तो मुझे चाहे डीएम की गाड़ी छीनकर देनी पड़ती उस मां के लिए मैं जरूर गाड़ी देता.
अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना लॉकडाउन के चलते जो मजदूर चलकर महाराष्ट्र से, गुजरात से आए. 90 मजदूरों की जान गई यूपी में. इस सरकार ने क्या मदद की एक भी मजदूर की. अगर किसी ने मदद की उनके परिवारों की तो समाजवादी लोगों ने उनके परिवार को एक-एक लाख की मदद दी. यह बात मैं इसलिए कहता हूं कि जो परिवार वाले होते हैं, वहीं परिवार का दुख दर्द समझ सकते हैं. क्या जवाब है सरकार के पास?