उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बसपा को एक के बाद एक बड़े झटके दे रहे हैं. दरअसल, बसपा सांसद रितेश पांडेय के पिता राकेश पांडेय आज सपा में शामिल हो गए. इसके अलावा बहराइच से वर्तमान भाजपा विधायक कांती सिंह, पूर्व एमएलसी बृजेश मिश्रा और प्रतापगढ़ से पूर्व विधायक सौरभ भी सपा में शामिल हुए.
राकेश पांडेय पहले बसपा से सांसद रह चुके हैं. वे सपा से विधायक भी रहे हैं. जबकि उनके बेटे रितेश पांडेय अभी बसपा से अंबेडकर नगर से सांसद हैं. कल ब्राह्मणों के कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद अखिलेश यादव ने आज बसपा के ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले राकेश पांडेय को सपा की सदस्यता दिलाई.
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के नेतृत्व में आस्था जताते हुए वरिष्ठ बसपा नेता एवं अम्बेडकर नगर से पूर्व सांसद श्री राकेश पांडेय जी अपने साथियों के साथ सपा में हुए शामिल।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) January 3, 2022
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कौन हैं राकेश पांडेय ?
69 साल के राकेश पांडेय बसपा से अंबेडकर नगर से 15वीं लोकसभा में सांसद रहे हैं. अभी उनके बेटे रितेश इसी सीट से सांसद हैं. मायावती ने रितेश को लोकसभा में बसपा का नेता भी नियुक्त किया था. इससे पहले राकेश पांडेय सपा से विधायक भी रहे हैं. राकेश पांडेय के दो बेटे हैं रितेश और आशीष पांडेय. आशीष रियल स्टेट कारोबारी हैं.
ब्राह्मणों को साधने में जुटे अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी से नाराज माने जा रहे ब्राह्मणों को सपा प्रमुख अखिलेश यादव साधने में जुट गए हैं. उन्होंने रविवार को लखनऊ में लगाई गई परशुराम मूर्ति और 68 फीट ऊंचे फरसे का अनावरण किया.
अखिलेश यादव ने एक हाथ में भगवान परशुराम का फरसा तो दूसरे हाथ में भगवान श्री कृष्ण के सुदर्शन चक्र को लेकर ब्राह्मण समाज से सपा की सरकार बनाने की अपील की. भगवान परशुराम की मूर्ति का अनावरण करने के बाद अखिलेश ने ब्राह्मण समाज से कहा है कि सूबे में सपा की सरकार आने पर भगवान परशुराम जयंती की छुट्टी फिर बहाल की जाएगी, जिसे बीजेपी ने सरकार में आते ही खत्म कर दिया था. साथ ही उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज भगवान परशुराम को पूजता है. इतिहास गवाह है कि ब्राह्मण समाज जिस पार्टी के साथ रहता है, उसकी सरकार बनती है और इस बार ब्राह्मणों ने तय कर लिया है कि समाजवादी पार्टी के साथ रहना है और सरकार बनानी है, तो हमारी सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता.