देश के सबसे बड़े सियासी परिवार के मुखिया मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. अपर्णा यादव सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे और अखिलेश यादव के सौतेले भाई प्रतीक यादव की पत्नी हैं. प्रतीक यादव मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे हैं. यूपी चुनाव की सियासी सरगर्मियों के बीच भले ही अपर्णा यादव ने बीजेपी में एंट्री की हो, लेकिन बीजेपी की सरकार बनने के बाद से ही वो पीएम मोदी और सीएम योगी की तारीफ करती रही हैं.
यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अपर्णा यादव की पार्टी में एंट्री कराई. बीजेपी की सदस्यता लेने के बाद अपर्णा ने कहा कि मैं हमेशा से पीएम मोदी से प्रभावित रही हूं. राष्ट्र मेरे लिए सबसे पहले है. मैं अब राष्ट्र की आराधना करने निकली हूं, जिसमें मुझे सबका सहयोग चाहिए. हालांकि, माना जा रहा है कि लखनऊ की कैंट सीट से इस बार सपा उन्हें टिकट देने के मूड में नहीं थी, जिसके चलते उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया है.
अपर्णा यादव का सियासी सफर
शादी से पहले अपर्णा अपने नाम के आगे बिष्ट लगाती थीं. अपर्णा अरविंद सिंह बिष्ट की बेटी हैं. मूलरूप से उत्तराखंड की रहने वाली हैं. साल 2011 में मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक यादव से उनकी शादी हुई, जिसके बाद वो अपर्णा यादव के नाम से जानी जाने लगीं. वो लखनऊ कैंट सीट पर 2017 में सपा के टिकट पर चुनाव लड़ीं, लेकिन बीजेपी प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी के हाथों करारी मात खानी पड़ी.
अपर्णा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई लखनऊ से की और मैनचेस्टर विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री पूरी की. उन्होंने भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय से शास्त्रीय संगीत की भी शिक्षा ग्रहण की है. 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की प्रशंसा कर चर्चा में आई थी. वह एक समाजसेवी संगठन चलाती हैं, जो विशेष रूप से महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम कर रहा है. अपर्णा यादव समाजवादी पार्टी में रहते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सार्वजनिक तौर पर तारीफ करती नजर आती रही हैं और अब उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ले ली है.
मुलायम के समधी भी बीजेपी में गए
अपर्णा यादव मुलायम परिवार की पहली सदस्य नहीं हैं, जिन्होंने बीजेपी का दामन थामा है. हाल ही में मुलायम सिंह यादव के समधी व सिरसागंज सीट से विधायक हरिओम यादव ने बीजेपी में एंट्री की है. हरिओम यादव के भाई रामप्रकाश उर्फ नेहरू की बेटी की शादी मुलायम सिंह के भतीजे रणवीर सिंह से हुई है. मुलायम सिंह के भाई अभयराम यादव की बेटी व धर्मेंद्र यादव की बहन संध्या यादव ने पंचायत चुनाव के दौरान बीजेपी का दामन थामा था. संध्या यादव और उनके पति अनुजेश प्रताप यादव दोनों बीजेपी में हैं.
वहीं, मुलायम सिंह के साढू प्रमोद कुमार गुप्ता उर्फ एलएस भी बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं. एलएस मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बहनोई हैं. वो मुलायम की सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे. औरैया जिले की बिधूनी सीट से टिकट के दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन बीजेपी के मौजूदा विधायक विनय शाक्य के सपा में आने के बाद उन्होंने अब बीजेपी में जाने का फैसला किया है.
उत्तर प्रदेश की सियासत में मुलायम सिंह यादव का काफी दबदबा माना जाता है. यूं कहिए कि सियासत की उम्र बढ़ने के साथ ही प्रदेश की राजनीति में भी मुलायम सिंह के परिवार का दखल बढ़ता जा रहा है. मुलायम सिंह की सियासी विरासत उनके बेटे अखिलेश यादव संभाल रहे हैं, जो सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. इसके अलावा मुलायम परिवार से बेटे ही नहीं उनके भाई-भतीजे भी सियासत में दखल रखते हैं.
सक्रिय राजनीति में मुलायम परिवार
मुलायम सिंह यादव मौजूदा समय में मैनपुरी से सांसद हैं. वे देश के रक्षा मंत्री रहे चुके हैं तो यूपी में तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं. उन्होंने 60 के दशक में राजनीति में कदम रखा और फिर पीछे मुढ़कर नहीं देखा. लोकदल और जनता दल से होते हुए 1992 में समाजवादी पार्टी का गठन किया. इसके बाद उन्होंने भाई-भतीजे को सियासत में लेकर आए. मुलायम के सियासी वारिस अखिलेश यादव आजमगढ़ से सांसद हैं.
मुलायम के चचेरे भाई प्रो. रामगोपाल यादव सपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सदस्य हैं. मुलायम सिंह के छोटे भाई शिवपाल यादव मौजूदा समय में जसवंतनगर सीट से विधायक हैं. उन्होंने 2018 में अपनी अलग पार्टी बना ली थी, लेकिन फिर से सपा के साथ हाथ मिला लिया है. शिवपाल यादव को मुलायम का हनुमान कहा जाता है. वो यूपी की सियासत के मंझे हुए नेता माने जाते हैं और संगठन के व्यक्ति रहे हैं जबकि रामगोपाल यादव को ड्राइंगरूम वाले नेता के तौर पर जाना जाता है, जो केंद्रीय राजनीति में शुरू से सक्रिय रहे हैं.
मुलायम सिंह यादव के कई भतीजे रजनीति में है. धर्मेंद्र यादव मैनपुरी से लेकर बदायूं तक से सांसद रहे हैं तो तेज प्रताप यादव भी मैनपुरी सीट से सांसद रहे हैं. इसके अलावा अभिषेक यादव अभी इटावा के जिला पंचायत अध्यक्ष हैं. रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय प्रताप यादव फिरोजाबाद से सांसद रह चुके हैं जबकि शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव ऑपरेटिव चेयरमैन हैं और इस बार विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाएंगे. यही नहीं पंचायतों पर भी मुलायम परिवार के सदस्यों का कब्जा रहा है.