उत्तर प्रदेश में अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) को लेकर सियासी दलों ने कमर कस ली है. यूपी चुनाव को लेकर आजतक एक बड़ी 'चुनावी महाबैठक' हुई, जिसमें यूपी कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा शामिल हुईं.
अब कहने को तो अभी यूपी की जंग बीजेपी बनाम सपा की कही जा रही है, लेकिन कांग्रेस भी बड़े दावे कर रही है. पार्टी की तरफ से प्रियंका गांधी को मैदान में उतारा गया है और पूरी कोशिश की जा रही है कि एक बार फिर देश के सबसे बड़े राज्य में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई जा सके.
अब कांग्रेस के इन्हीं दावों के बीच सवाल पूछा गया कि क्या 2022 के चुनाव में प्रियंका कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा होंगी? अगर चुनाव प्रियंका के नाम पर लड़ा जा रहा है तो क्या बड़ी जिम्मेदारी भी उन्हें ही दे दी जाएगी? अब कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ने इस पर सीधा जवाब दिया है.
प्रियंका होंगी सीएम चेहरा?
वे कहती हैं कि कांग्रेस कभी भी पहले चेहरा प्रोजेक्ट नहीं करती है. समय आने पर फैसला लिया जाएगा. हम सत्ता से बाहर रहे हैं. लेकिन जितना काम प्रियंका के मार्गदर्शन में किया है, जितना काम हमने कोरोना काल में किया है, मुझे पूरा विश्वास है कि 2022 में कांग्रेस मजबूत बनकर उभरेगी. वहीं प्रियंका की यूपी में कम उपस्थिति पर भी आराधना ने सफाई पेश की है. उनकी नजरों में सिर्फ लखनऊ में डेरा डालने से कुछ नहीं होता है. जनता के बीच जाना मायने रखता है.
प्रियंका यूपी में कम सक्रिय?
उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी यूपी में पूरी तरह सक्रिय हैं. पश्चिम यूपी में उन्होंने लगातार रैली की हैं. किसानों के मुद्दे को उन्होंने उठाया है. सिर्फ लखनऊ आने से कुछ नहीं होता है. कोरोना काल में भी उन्होंने जूम मीटिंग के जरिए लगातार संपर्क स्थापित किया था. लेकिन इस मुश्किल समय में योगी सरकार ने कुछ नहीं किया. सड़कों पर लोगों ने ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ा है. गंगा में लाशों को तैरते देखा गया है. आपदा बड़ी हो सकती है, लेकिन सरकार को संवेदनशील तो होना ही चाहिए. तथ्यों को नकारना यूपी की जनता के साथ सबसे बड़ा धोखा है. बीजेपी को कभी माफ नहीं किया जाएगा.
कांग्रेस का सबसे बड़ा मुद्दा?
वहीं, किन मुद्दों पर कांग्रेस जनता के बीच जाएगी, इस पर भी आराधना ने विस्तार से बताया है. उनकी नजरों में नौकरी, कोरोना काल में मिसमैनेजमैंट जैसे मुद्दे तो हैं ही, इसके अलावा महंगाई भी बड़ा मुद्दा है. वे कहती हैं कि बीजेपी वाले उज्जवला की बात करते हैं, लेकिन जब एलपीजी 900 रुपये की आती है, तो उस वजह से भी महिलाओं की आंखों से आंसू निकलते हैं. क्या मोदी जी वो आंसू पोछेंगे?