scorecardresearch
 

मिशन 2022: पश्चिमी यूपी का रुख करने जा रहे ओवैसी, सपा-RLD को पहुंचाएंगे नुकसान?

उत्तर प्रदेश के 2022 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सूबे में अपनी सियासत कर रहे असदुद्दीन ओवैसी पश्चिम उत्तर प्रदेश का रुख करने जा रहे हैं.

Advertisement
X
असदुद्दीन ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 2013 के दंगों के बाद मुस्लिम-जाट कॉन्बिनेशन टूटता नजर आया
  • विधानसभा चुनाव से पहले वेस्टर्न यूपी में ओवैसी की कई रैलियां

उत्तर प्रदेश के 2022 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सूबे में अपनी सियासत कर रहे असदुद्दीन ओवैसी पश्चिम उत्तर प्रदेश का रुख करने जा रहे हैं. लगातार बीजेपी सरकार पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाने वाले ओवैसी अब पश्चिम इलाके में जाट और मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में इस समीकरण को तोड़ने की तैयारी में है.

Advertisement

दरअसल, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट और मुस्लिम का गठजोड़ आरएलडी को फायदा देता रहा है. इससे पहले के चुनाव में भी इसी समीकरण ने समाजवादी पार्टी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में काफी फायदा पहुंचाया था, लेकिन 2013 के दंगों के बाद यह कॉन्बिनेशन टूटता नजर आया. इसका फायदा सीधे बीजेपी को 2014 और 2019 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव में देखने को मिला.

इस कड़ी में असदुद्दीन ओवैसी 17 अक्टूबर को गाजियाबाद के मसूरी में शोषित और वंचित समाज की जनसभा को संबोधित करेंगे. इसके बाद वैसे 23 अक्टूबर को किठौर विधानसभा मेरठ में जनसभा करने जा रहे हैं. जनसभाओं में ओवैसी मुस्लिम समाज की अनदेखी को सीधे तौर पर बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए सवाल खड़े करते हैं.

मुजफ्फरनगर, सहारनपुर में जनसभा

वहीं, पश्चिमी इलाके के मुजफ्फरनगर में भी 27 अक्टूबर को वैसे जनसभा करेंगे और 31 अक्टूबर को चौथी जनसभा सहारनपुर में होगी. इन विधानसभा सीटों पर मुस्लिम आबादी एक निर्णायक भूमिका में है. इससे पहले भी ओवैसी ने बहराइच, आजमगढ़, अयोध्या, भदोही, प्रयागराज और कानपुर जिलों की मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर अपने उम्मीदवारों के प्रचार में जनसभाएं की हैं.

Advertisement

एमएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली के मुताबिक असदुद्दीन ओवैसी लगातार यूपी के जिलों में दलित एवं शोषित समाज के लोगों की आवाज उठाते रहे हैं और आने वाले चुनाव में भी इसी मुद्दे पर सरकार को सवाल करते रहेंगे. ओवैसी का यह दौरा भी शोषित समाज के जुड़े मुद्दों को उठाने का काम करेगा.

ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमी के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मिशन-2022 में पार्टी उत्तर प्रदेश के 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिसके लिए उन्होंने भागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ गठबंधन किया है और बीजेपी सरकार को लगातार मुस्लिम समाज से जुड़े मुद्दों पर घेरते नजर आते रहें हैं.

सबसे ज्यादा लाभ अल्पसंख्यक समाज को मिला: मोहसिन रजा

यूपी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा के मुताबिक ओवैसी सांप्रदायिक तौर पर लोगों को बांटने का काम करते हैं और पाकिस्तान के समर्थन की बात करने वाले ऐसे राजनेता उत्तर प्रदेश में कुछ भी नहीं कर पाएंगे. रजा के मुताबिक प्रदेश सरकार की सभी योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ अल्पसंख्यक समाज को मिला है और यह उसे भी पता है कि कौन सी पार्टी उसकी हितैषी है और कौन उसका इस्तेमाल करती है.

वहीं राजनैतिक विश्लेषक रतन मणि लाल मानते हैं कि ओवैसी कई वर्षों से यूपी में पैर जमाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली. इस बार उन्होंने कई पार्टियों के साथ गठजोड़ बनाने के लिए गंभीर प्रयास किए हैं, जो दिलचस्प रूप से मुस्लिम का समर्थन भी चाहते हैं. हालांकि वह सपा के साथ अपने प्रयासों में विफल रहे हैं, लेकिन उनके मुखर बयानों से उन्हें मुस्लिम समुदाय का समर्थन मिल रहा है हालांकि मुस्लिम समर्थन चाहने वाले सपा और अन्य दलों की कीमत पर ये फॉर्मूला सफल हो सकता है.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement