उत्तर प्रदेश के संभल जिले की एक विधानसभा सीट है असमोली विधानसभा सीट. असमोली विधानसभा सीट का नाम असमोली गांव के नाम पर रखा गया है. सात चरणों में होने जा रहे यूपी विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 14 फरवरी को इस विधानसभा सीट के लिए मतदान होना है. विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
असमोली विधानसभा सीट साल 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी. नए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई इस विधानसभा सीट के लिए 2012 में पहली दफे मतदान हुआ था. 2012 के विधानसभा चुनाव में असमोली विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर पहली दफे चुनाव मैदान में उतरी पिंकी यादव विजयी रही थीं.
2017 का जनादेश
असमोली विधानसभा सीट से साल 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा ने अपनी निवर्तमान विधायक पिंकी यादव को ही उम्मीदवार बनाया. सपा की पिंकी यादव के सामने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नरेंद्र सिंह और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के अकीलुर्रहमान की चुनौती थी. सपा की पिंकी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के नरेंद्र सिंह को 21126 वोट के अंतर से हरा दिया था. बसपा के अकीलुर्रहमान तीसरे स्थान पर रहे थे.
सामाजिक ताना-बाना
असमोली विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो यहां तीन लाख से अधिक मतदाता हैं. जातिगत समीकरणों की चर्चा करें तो असमोली विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की बहुलता है. यादव, सैनी और जाट मतदाता भी असमोली विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में दलित मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
असमोली विधानसभा सीट से विधायक सपा की पिंकी यादव का दावा है कि उनके कार्यकाल में इस क्षेत्र का विकास हुआ है. पिंकी यादव के दावे को विपक्षी दलों के नेता सिरे से खारिज कर रहे हैं. सपा ने इस दफे भी पिंकी यादव को उम्मीदवार बनाया है. सपा की पिंकी के सामने बीजेपी ने हरेंद्र सिंह रिंकू, बसपा ने रफातुल्ला उर्फ नेता छिद्दा और कांग्रेस ने हाजी मरबूब आलम को चुनाव मैदान में उतारा है.