उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता अतीक अहमद की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. अब अतीक अहमद के बेटे समेत अन्य 7 लोगों पर पर यूपी पुलिस ने हत्या और रंदगारी वूसली के मामले में 25-25 हजार का इनाम घोषित किया है. यह इनाम अतीक अहमद के छोटे बेटे अली पर रखा गया है.
अतीक अहमद के बेटे पर हत्या का प्रयास और रंगदारी, वसूली समेत कई आरोप हैं. एक व्यापारी से पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के बाद अली सुर्खियों में आया था. यह मामला बीते साल दिसंबर का है. अतीक अहमद फिलहाल गुजरात की साबरमती जेल में बंद है.
अली के खिलाफ 21 दिसम्बर 2021 को प्रयागराज के करेली थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था और वो उसी वक्त से फरार है. बता दें कि एक वक्त में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बाहुबली अतीक अहमद की सियासी तूती बोलती थी लेकिन इस बार वो चुनावी मैदान से बाहर हैं.
साल 1989 से 2017 तक अतीक अहमद और उनके परिवार के लोग प्रयागराज से चुनाव लड़ते रहे. तीन दशक में यह पहली बार है जब इस विधानसभा चुनाव में न तो खुद अतीक अहमद चुनाव लड़ रहे हैं और ना ही उनके परिवार से कोई सदस्य.
हालांकि, जेल में रहते हुए उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन का दामन थाम लिया था. 1989 में अतीक अहमद प्रयागराज पश्चिम सीट से निर्दलीय चुनाव जीते थे. इसके बाद वह सपा, अपना दल के टिकट से मैदान में आते रहे और जीतकर विधानसभा और संसद पहुंचते रहे.
पत्नी को पहले AIMIM ने घोषित किया था उम्मीदवार
उनकी पत्नी शाइस्ता परवीन ने पिछले साल प्रयागराज में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन की सदस्यता ली थी. प्रयागराज के अटाला में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने जनसभा कर शाइस्ता परवीन को शहर पश्चिमी सीट से उम्मीदवार भी घोषित कर दिया था, लेकिन उनके चुनाव लड़ने को लेकर मंगलवार को विराम लग गया. उन्होंने नामांकन नहीं किया.
अतीक अहमद जेल में हैं और उनके दोनों बेटे फरार हैं. इस कारण अतीक अहमद की पत्नी ने मैदान छोड़ दिया. ओवैसी के पार्टी से उम्मीदवार घोषित होने के बाद स्थितियां बदलती गईं.
दरअसल, पिछले वर्ष के आखिर में शाइस्ता परवीन के छोटे पुत्र अली के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ और वह फरार हुआ. इसके बाद से ही उनके चुनाव नहीं लड़ने की अटकलें शुरू हो गईं.
हालांकि, एआईएमआईएम नेता लगातार यह कहते रहे कि अतीक अहमद की पत्नी चुनाव लड़ेंगी, लेकिन नामांकन के अंतिम दिन आठ फरवरी को भी वो अपना पर्चा दाखिल नहीं कर सकीं थीं.
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