गोरखपुर जिले में बांसगांव विधानसभा सीट पड़ती है. क्षेत्र के प्रसिद्ध स्थलों में कुलदेवी का मंदिर प्रमुख है. इस मंदिर की अपनी ही मान्यता है. शारदीय नवरात्र की नवमी के दिन यहां पर बहुत बड़ा मेला लगता है. ऐसी मान्यता है कि देवी को रक्त अर्पित करने पर वो प्रसन्न होती हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं. ये प्रथा कई साल से चली आ रही है. लखनऊ से इस निर्वाचन क्षेत्र की दूरी लगभग 283 किलोमीटर है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
गोरखपुर जिले की बांसगांव विधानसभा सीट आरक्षित है. आरक्षित श्रेणी की इस सीट से पहले विधायक डॉक्टर विमलेश पासवान के पिता ओमप्रकाश पासवान ने राजनीति की इसके बाद उनकी माताजी सुभावती पासवान ने सांसद का चुनाव जीता जबकि विधायक के बड़े भाई कमलेश पासवान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर तीसरी बार चुनाव जीते और सांसद बने. ये एक ऐसी विधानसभा है जहां विकास की बात नहीं विरासत की बात होती है जिस से भी बात कीजिए वह विरासत पर आकर ठहर जाता है लेकिन वहां के लोग कहते हैं कि विधायक की मां सांसद रही हैं.
अब उनके बड़े भाई इसी क्षेत्र से सांसद हैं और इसी क्षेत्र से अब विमलेश पासवान विधायक बने तो स्वाभाविक सी बात है कि इस क्षेत्र के लोग विरासत की बात जरूर करेंगे. बांसगांव क्षेत्र से दलितों के सबसे बड़े नेता महावीर प्रसाद जो केंद्र में मंत्री भी रहे और इस क्षेत्र से सांसद भी रहे उसके बाद पासवान परिवार का इस लोकसभा और विधानसभा दोनों पर कब्जा लगातार बना हुआ है. बीच में केवल तीन बार बसपा का कब्जा था उसके बाद बीजेपी ने इस सीट पर कब्जा कर लिया.
साल 2017 का जनादेश
साल 2017 में बांसगांव विधानसभा सुरक्षित सीट से बीजेपी के बैनर तले पहली बार डॉक्टर विमलेश पासवान चुनाव लड़े जिनको 71966 वोट मिले और उनके प्रतिद्वंदी बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रत्याशी धर्मेंद्र कुमार को 49093 वोट मिले. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को 22873 वोट से हराकर जीत दर्ज की.
सामाजिक ताना-बाना
इस विधानसभा क्षेत्र में कुल वोटरों की संख्या 370474 है. इस विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के वोटरों की संख्या ज्यादा है. इस विधानसभा क्षेत्र में पासी समुदाय के वोटर भी ज्यादा हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में हर जाति वर्ग के मतदाता हैं. इस सीट पर अनुसूचित जाति और जनजाति के वोटरों की संख्या अधिक है. ये सीट आरक्षित है.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
विधायक डॉक्टर विमलेश पासवान का जन्म 27 जून 1980 को गोरखपुर में हुआ था. बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में पेशे से चिकित्सक विमलेश पासवान की शादी 28 मई 2013 को मध्य प्रदेश में हुई जिनकी पत्नी का नाम डॉक्टर मोहिता पासवान है. विधायक की दो बेटियां हैं. विधायक डॉक्टर विमलेश पासवान की प्रारंभिक शिक्षा सेंट पाल स्कूल गोरखपुर से हुई और किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ में एमडीएस ओरल मैक्सिलोफेशियल सर्जरी डिपार्टमेंट में एक साल सीनियर रेजिडेंट के पद पर रहे हैं. साल 2011 में वे गोरखपुर वापस आए उसके बाद गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पांच साल बतौर सीनियर लेक्चर रहे.
डॉक्टर विमलेश साल 2015 में सियासी सफर का बीडीसी पद पर निर्विरोध निर्वाचन के साथ आगाज किया. साल 2016 में चरगांवा के निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख निर्वाचित हुए. ब्लॉक प्रमुख रहते हुए उन्होंने साल 2017 में बांसगांव विधानसभा सुरक्षित सीट से बीजेपी के बैनर तले पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. इस दौरान भी वह बीआरडी में लेक्चरर रहे लेकिन विधानसभा चुनाव जीतने के बाद जनता की सेवा शुरू कर दी.
विविध
विधायक डॉक्टर विमलेश पासवान की लोकप्रियता की बात करें तो वे शुरू से समाज सेवा से जुड़े रहे. डॉक्टर बनने के बाद गरीबों की मदद करना और जगह-जगह कैम्प के माध्यम से लोगों को स्वच्छता और बीमारियों के बारे जागरुक करते रहे हैं. एक विधायक होने के बाद विश्व स्तर के प्राइवेट हॉस्पिटल के माध्यम से लोगों की सेवा करते हैं. जो सक्षम नहीं हैं, उनका अपने अस्पताल में मुफ्त उपचार करते हैं. शासन की योजनाओं का लाभ गरीब परिवारों को दिलाते हैं.