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यूपी: IITian तनुज पुनिया विदेश की नौकरी छोड़ सियासी जंग में उतरे, कांग्रेस ने जैदपुर से दिया टिकट

बाराबंकी की जैदपुर सीट से कांग्रेस ने तनुज पुनिया को अपना प्रत्याशी बनाया है. तनुज, कांग्रेस के बड़े नेता पीएल पुनिया के बेटे हैं. उन्होंने IIT रूड़की से पढ़ाई की, फिर विदेश गए. विदेश में नौकरी का ऑफर ठुकरा कर वह अपने पिता की सियासी विरासत को संभाल रहे हैं.

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हैदरगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया
हैदरगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कांग्रेस नेता पीएल पुनिया के बेटे हैं तनुज
  • बाराबंकी की जैदपुर से कांग्रेस ने दिया टिकट

बाराबंकी की जैदपुर विधानसभा सीट पर इस बार लड़ाई रोचक हो गई है. इस सीट पर कांग्रेस ने तनुज पुनिया को प्रत्याशी बनाया है. तनुज, कांग्रेस के दिग्गज राष्ट्रीय नेता व पूर्व सांसद पीएल पुनिया के बेटे हैं. विदेश में पढ़ाई करने के बाद लाखों के सैलेरी पैकेज की नौकरी छोड़कर तनुज पुनिया इन दिनों चुनावी मैदान में हैं.

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आईआईटी रूड़की से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले तनुज पुनिया ने विदेश में भी पढ़ाई की, लेकिन कारपोरेट की नौकरी या सरकारी सेवा में न जाकर राजनीति से जुड़कर पिता की विरासत संभालने में जुटे हैं. वह प्रियंका गांधी की यूथ टीम के सदस्य भी हैं. 2017 में तनुज पुनिया ने राजनीति पर डेब्यू किया था और जैदपुर सीट से ही चुनाव लड़े थे. 

2017 में पहली बार लड़े थे चुनाव, मिले थे 81 हजार से अधिक वोट

2017 के चुनाव में तनुज पुनिया 81 हजार से अधिक वोट पाकर दूसरे नंबर थे. पहले चुनाव में मिली हार के बाद भी तनुज पुनिया ने जैदपुर को नहीं छोड़ा और वह लगातार 5 साल तक जमीन पर काम करते रहे, इसीलिए कांग्रेस नेतृत्व ने फिर से भरोसा जताते हुए ज़ैदपुर सीट से तनुज को अपना प्रत्याशी बनाया है.

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किसान, युवा और बुनकर की समस्या उठा रहे हैं तनुज

तनुज पुनिया लोगों के बीच जा रहे हैं और बेरोजगारी-महंगाई-भ्रष्टाचार के साथ ही किसानों और बुनकरों के मसले उठा रहे हैं. दरअसल, जैदपुर विधानसभा बुनकर और किसान बाहुल्य है. बीते पांच साल में महंगी बिजली के कारण बुनकर परेशान तो थे ही, लेकिन कोरोना काल ने बुनकरों की कमर तोड़ दी है. इसके साथ ही किसान आवारा पशुओं से बहुत परेशान हैं.

आजतक से बात करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया ने बताया कि बीजेपी सरकार में किसानों और बुनकरों का बुरा हाल है, ये इलाका इंटरनेशनल स्टाइल के दुपट्टे यानी स्टोल के प्रोडक्शन के लिए जाना जाता है, यहां सबसे ज़्यादा बुनकर समाज द्वारा स्टोल बनाया जाता है, लेकिन महंगी बिजली और उचित सहूलियत न मिल पाने के कारण बुनकर परेशान हैं.

कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया ने बताया कि जैदपुर अपनी उन्नतशील खेती के लिए भी दुनिया में फेमस है, यहां हजारों हेक्टेअर में बागान हैं, लेकिन सिंचाई की सुविधा का न होना और आवारा पशुओं ने किसानों की समस्या बढ़ा दी है. तनुज ने कहा कि अब किसान रात-रात भर जागकर अपने खेतों की रखवाली कर रहे हैं.

तनुज बोले- बीजेपी ही नहीं सपा से भी नाराज है जैदपुर की जनता

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कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया की माने तो यहां नाराजगी सिर्फ बीजेपी सरकार से नहीं, बल्कि सपा से भी है. तनुज पुनिया ने बताया कि यहां से 2019 के उपचुनाव में सपा के गौरव कुमार जीत गए, लेकिन चुनाव जीतने के बाद से वह अपने क्षेत्र में नहीं आते हैं, जैदपुर के लोगों के दुख-सुख में सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही खड़ी नजर आती है. 

तनुज पुनिया का कहना है, 'गौतम और रावत बिरादरी की तादाद इस विधानसभा में सबसे ज़्यादा है, यहां के गौतम बिरादरी के वोटरों का कहना है कि बहन मायावती इस बार चुनावी रेस में ज़्यादा एक्टिव नहीं हैं, इसलिए हम लोग कांग्रेस के तनुज पुनिया से उम्मीद लगाए हुए हैं.'

नामांकन के बाद से ही कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया ने अपना जनसंपर्क तेज कर दिया है. उनका कहना है कि जैदपुर की डगर कठिन है लेकिन नामुमकिन नहीं, हम जनता के बीच जा रहे हैं, हमें जनसमर्थन मिल रहा है, हम अपने क्षेत्र और आसपास के युवाओं को आगे बढ़ते हुए देखना चाहते है.

'क्षेत्र का विकास और बेरोजगारी दूर करना है प्राथमिकता'

कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया ने आजतक से कहा कि हम खुद युवा हैं और बेरोजगार नौजवानों के दर्द को समझते हैं. उनका कहना है कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि जितना शोषण युवाओं का हुआ है, वो और कभी नहीं हुआ है. तनुज ने वादा किया कि जीतने के बाद क्षेत्र का विकास और बेरोजगारी दूर करना ही मेरी पहली प्राथमिकता होगी.

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ज़ैदपुर सीट का इतिहास 

जैदपुर विधानसभा पहले मसौली विधानसभा के नाम से जानी जाती थी. 2011 में हुए परिसीमन के बाद जैदपुर विधानसभा बन गयी. यह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है. इस विधानसभा में आज़ादी के बाद से कांग्रेस का दबदबा हुआ करता था, लेकिन 2012 के चुनाव में इस सीट से सपा के राम गोपाल और 2017 में बीजेपी के उपेंद्र सिंह जीते थे. 

2019 के लोकसभा चुनाव में उपेंद्र स‍िंह लोकसभा के लि‍ए न‍िर्वाच‍ित हुए तो उसके बाद इस सीट पर उपचुनाव आयोज‍ित कराया गया. ज‍िसमें सपा के गौरव कुमार और भाजपा के अंबर‍ीश के बीच मुकाबला हुआ. सपा के गौरव कुमार ने 4 हजार से अधि‍क वोटों के अंतर से जीत दर्ज की, लेकिन जनता इस बार सपा विधायक से नाराज है.

जैदपुर विधानसभा सीट पर 3,88,068 मतदाता हैं, जिनमें 2,05,061 पुरुष, 1,82,991 महिलाएं हैं. जातीय समीकरण के हिसाब से देखें तो यह सीट मुस्लिम बाहुल्य है. यहां 30 फ़ीसदी आबादी दलित वर्ग के रावत और गौतम मतदाताओं की  है। जबकि 25 फीसदी आबादी मुस्लिम की है।वहीं 20 फ़ीसदी पिछड़े वर्ग के मतदाता हैं.

 

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