scorecardresearch
 

Bhadohi: 2022 के विधानसभा चुनाव में BJP अपने मौजूदा विधायकों पर दोबारा दांव खेलेगी या नहीं?

Bhadohi district profile: भदोही जिले के राजनीतिक पृष्ठभूमि की नजर डालें तो यहां से वर्तमान में भाजपा से सांसद रमेश बिन्द हैं. 3 विधानसभा सीटों में से 2 सीट भदोही और औराई पर भाजपा का कब्जा है, जबकि ज्ञानपुर विधानसभा सीट पर बाहुबली विधायक विजय मिश्रा निषाद पार्टी से विधायक हैं.

Advertisement
X
भदोही जिला पूरे विश्व में खूबसूरत कालीनों के लिए प्रसिद्ध है.
भदोही जिला पूरे विश्व में खूबसूरत कालीनों के लिए प्रसिद्ध है.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 3 विधानसभा सीटों में से 2 पर BJP का कब्जा
  • सांसद रमेश बिन्द भी BJP से

काशी और प्रयागराज के मध्य बसा उत्तर प्रदेश के बेहद छोटे जिलों में शुमार भदोही जिला पूरे विश्व में खूबसूरत कालीनों के लिए प्रसिद्ध है. कभी बनारस का हिस्सा रहा भदोही 30 जून 1994 को राज्य का 65वां जिला घोषित हुआ था. आबादी घनत्व के मामले में भदोही जिले का काफी ऊपर स्थान है. यहां जंगल न के बराबर हैं. जिले में कालीन बुनाई और कृषि लोगों के आय का मुख्य साधन है. आर्थिक नजरिए से देखा जाय तो भदोही जिला कालीन निर्यात कर भारी मात्रा में विदेशी धन अर्जित करता है.

Advertisement

भदोही का इतिहास भी बहुत गौरवशाली रहा है. 1857 की क्रांति के दौरान अंग्रेजों के द्वारा जबरन कराई जा रही नील की खेती के विरोध में क्रूर अंग्रेज अफसर रिचर्ड म्योर सहित चार अंग्रेजों का शहीद झूरी सिंह ने सिर कलम कर दिया था. इस आंदोलन में भदोही के 22 वीरों को इमली के पेड़ पर कच्ची फांसी दी गई थी. कहा जाता है कि पूरे विश्व में सिर्फ यहीं कच्ची फांसी दी गई थी. 400 वर्ष पूर्व भदोही परगना में भर राजाओं का शासन हुआ करता था और भरों के नाम पर ही यहां का नाम भरद्रोही से भदोही हुआ. राजनीतिक रूप से भी यह जिला अलग स्थान रखता है. यहां के पण्डित स्व. श्यामधर मिश्रा चारों सदनों के सदस्य रहे और प्रधानमंत्री जवागरलाल नेहरू के कैबिनेट में मंत्री रहे. यहां के और भी कई नेता अलग अलग-समय में प्रदेश सरकार में मंत्री रहे. अब 2022 का विधानसभा चुनाव सामने है. इस चुनाव में मुकाबला बेहद दिलचस्प देखने को मिलेगा. 

Advertisement

राजनीतिक पृष्ठभूमि

भदोही जिले के राजनीतिक पृष्ठभूमि की नजर डालें तो यहां से वर्तमान में भाजपा से सांसद रमेश बिन्द हैं. 3 विधानसभा सीटों में से 2 सीट भदोही और औराई पर भाजपा का कब्जा है, जबकि ज्ञानपुर विधानसभा सीट पर बाहुबली विधायक विजय मिश्रा निषाद पार्टी से विधायक हैं. तीनों सीटों में औराई विधानसभा सुरक्षित सीट है और इस सीट से बसपा के संस्थापक सदस्य रहे पूर्व मंत्री दीनानाथ भास्कर BJP विधायक हैं. भदोही विधानसभा सीट से रवींद्रनाथ त्रिपाठी विधायक हैं. बड़ी बात यह है कि जिले में दोनों विधायक और सांसद बसपा से भाजपा में आकर जनप्रतिनिधि बने. 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए दीनानाथ भास्कर, रवींद्रनाथ त्रिपाठी विधायक बने, तो पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा से भाजपा में आए रमेश बिन्द संसद के कुर्सी पर आसीन हुए.
 

फूलन देवी रह चुकीं सांसद 

जनपद के सामाजिक समीकरण के नजरिए से यहां ब्राम्हण और बिन्द मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है. यही कारण रहा कि जिले में कई बार बिन्द समाज से आने वाले नेता विधायक बने, फूलन देवी इसी सीट से सांसद चुनी गई थीं. बिन्द मतदाताओं की बहुलता को देखते हुए बसपा ने अलग-अलग सरकारों में यहां के बिन्द समाज के नेताओं को दर्जा प्राप्त मंत्री भी बनाया था. 

Advertisement

बिन्द समाज का दबदबा

2017 के चुनाव में भाजपा ने भी बिन्द समाज के मतदाताओं की ताकत को भांपते हुए ज्ञानपुर विधानसभा से बाहुबली विजय मिश्रा के सामने महेंद्र बिन्द को प्रत्याशी घोषित किया था, हालांकि वह चुनाव नहीं जीत सके, लेकिन बड़ी संख्या में वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे. ज्ञानपुर विधानसभा सीट को बेहद रोचक सीट माना जाता है. यहां से बाहुबली विजय मिश्रा 3 बार सपा से लगातार विधायक चुने गए, लेकिन 2017 में शिवपाल के करीबी होने के कारण उन्हें सपा से टिकट नहीं मिला, जिसके बाद पार्टी से बगावत कर निषाद पार्टी से चुनाव लड़कर वह चौथी बार विधायक बने. हालांकि, विधायक विजय वर्तमान में रिश्तेदार की संपत्ति पर कब्जा करने और दुष्कर्म के मामले में आगरा जेल में निरुद्ध हैं. 

भाजपा, सपा और बसपा का रह चुका कब्जा 

2012 के विधानसभा चुनाव में सपा ने तीनों सीटों पर विजय हासिल की थी, लेकिन 2017 के चुनाव में भदोही और औराई में सपा दूसरे, तो ज्ञानपुर विधानसभा में चौथे स्थान पर रही. 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने 3 में से 2 सीट पर जीत हासिल की थी. इस लिहाज से देखा जाए तो भदोही जिले में लगभग सभी प्रमुख दलों के विधायक अलग-अलग समय में निर्वाचित हुए.

Advertisement

भदोही जनपद की आबादी

भदोही जिले की जनसंख्या 15 लाख से अधिक है और यहां 11.50 लाख से अधिक मतदाता हैं. इसमें भदोही विधानसभा में 4,16,597 लाख मतदाताओं में 2,28,435 लाख पुरुष और 1,88,133 महिला मतदाता हैं. ज्ञानपुर विधानसभा की 3,77,183 लाख आबादी में 2,05,834 लाख पुरुष, 1,71,312 लाख महिला मतदाता हैं. औराई की 3,63,119 लाख जनसंख्या में 1,99,012 पुरुष और 1,64,083 लाख महिला मतदाताओं की संख्या है. 

जिस पार्टी की सरकार, उसके विधायक!

यहां का वोटिंग पैटर्न सत्ता के साथ देखने को मिलता है. अमूमन प्रदेश में जिस पार्टी की सरकार बन रही होती है, उसी पार्टी के प्रत्याशी को जनता विधायक चुनना पसंद करती है. लेकिन 2009 के विधानसभा उपचुनाव में बसपा की सरकार रहते हुए सपा ने यह सीट जीत ली थी. उस चुनाव में बसपा के दर्जन भर मंत्रियों ने यहां कैम्प कर रखा था, लेकिन इसके बावजूद चुनाव में सपा को जनता ने जीत दिलाई. 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा अपने मौजूदा विधायकों पर दोबारा दांव लगाती है या नहीं, यह तो आने वाले चुनाव में ही देखने को मिलेगा. लेकिन ज्ञानपुर विधानसभा से भाजपा किसको प्रत्याशी बनाती है और जेल में बंद बाहुबली विधायक विजय मिश्रा की राजनीतिक भविष्य क्या होगा? इस पर यहां के लोगों की निगाहें टिकी हैं और इस विषय पर राजनीतिक चर्चाएं और बहस भी तेज हो रही है. 

Advertisement

सामाजिक ताना बाना

भदोही जिला ब्राम्हण और बिन्द-निषाद बाहुल्य इलाका माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि अमूमन ये मतदाता अलग-अलग समय में अलग-अलग दलों का साथ देकर उनकी सरकारें बना चुके हैं, इसलिए इन वोटों को टर्निंग प्वाइंट के तौर पर देखा जाता है. इन दोनों समाज से भाजपा के जनप्रतिधि जिले में मौजूद हैं. रविन्द्र त्रिपाठी जहां विधायक हैं तो रमेश बिन्द सांसद हैं. अन्य दल भी इस समाज के वोटरों को अपने अपने पाले में करने के लिए पार्टी में उन्हें महत्वपूर्ण पद देने की कोशिशों में जुटे हैं.

मतदाताओं का प्रतिशत

अनुमानित आंकड़ों पर गौर किया जाए तो ब्राम्हण 16 फीसदी तो बिन्द 8 और निषाद 5 फीसदी वोटर हैं. क्षत्रिय 6, यादव 9, वैश्य 5, जाटव 13, मुसलमान 13, पासी 6, कायस्थ 1.5, कुर्मी 3, पाल 4 और अन्य पिछड़ी और अन्य अनुसूचित समाज ढाई-ढाई फीसदी अपनी उपस्थिति रखते हैं. 

2017 का जनादेश 

2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की लहर होने के बावजूद तीन में से 2 सीट पर ही भाजपा की जीत हुई और एक सीट पर निषाद पार्टी ने चुनाव जीता. पहली बार निषाद पार्टी को विधानसभा में जीत हासिल हुई थी. 

भदोही विधानसभा 

2017 के जनादेश पर गौर करें तो भदोही विधानसभा सीट पर कुल पड़े 2,39,518 लाख में भाजपा प्रत्याशी रविन्द्र नाथ त्रिपाठी 79,519 वोट पाकर विधायक बने. उनके मुकाबले में सपा प्रत्याशी जाहिद बेग को 78,414 वोट मिले. भाजपा और सपा के जीत-हार का फासला महज 1101 वोटों का रहा. यहां बसपा प्रत्याशी पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्रा को 56,555 वोट ही मिले, निषाद पार्टी के डॉ. आरके पटेल को भी यहां 11,434 वोट मिले थे. 

Advertisement

ज्ञानपुर विधानसभा

इस सीट पर 208900 लाख पड़े मतों में निषाद पार्टी के प्रत्याशी विजय मिश्रा 66,448 वोट पाकर विधायक बने. यहां भाजपा प्रत्याशी महेंद्र बिन्द को 46218 वोट मिले. विजय मिश्रा यहां 20230 हजार वोटों के अंतर से चुनाव जीते थे, जबकि बसपा प्रत्याशी राजेश यादव को 44311 और सपा प्रत्याशी रामरती बिन्द 39205 वोट मिले. लगातार तीन बार इस सीट पर कब्जा बरकरार रखने वाली सपा चौथे नम्बर पर चली गयी थी. 

औराई विधानसभा

इस विधानसभा में कुल पड़े 2,06,026 वोट में भाजपा के प्रत्याशी पूर्व मंत्री दीनानाथ भास्कर 83,325 वोट पाकर विधायक बने. इन चुनाव में जिले की तीनों सीटों पर सबसे अधिक वोट भाजपा प्रत्याशी को मिले थे. सपा से मधुबाला पासी 63,546 वोट मिले थे. भाजपा और सपा के जीत हार का फासला 19,789 हजार था. यहां बसपा प्रत्याशी बैजनाथ गौतम को 49,059 वोट मिले एयर निषाद पार्टी के प्रत्याशी को 3508 हजार वोट मिले थे. 

जिले की समस्या और मुद्दे 

भदोही जिले में स्वास्थ्य का मुद्दा एक बहुत बड़ा मुद्दा है और इसे लेकर आम जनमानस ने सोशल मीडिया के मध्यम से एक बड़ा अभियान भी चलाया था. यहां जिला मुख्यालय पर 2009 में 100 बेड के जिला अस्पताल का निर्माण शुरू हुआ था, लेकिन अभी तक यह अस्पताल संचालित नहीं हो सका है. इसका निर्माण कार्य भी अभी पूर्ण नहीं है. इसमें पूर्व की सरकारों में करोड़ों के घोटाले हो चुके हैं. 

Advertisement

ये हैं मांगें

जनपदवासी चाहते हैं कि इस अस्पताल को जल्द से जल्द शुरू किया जाय ताकि भदोही में जिला अस्पताल का लाभ जरूरतमंद लोगों को मिल सके. काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय को विश्वविद्यालय बनाने की मांग भी काफी समय से चल रही है. इसके साथ ही कई वर्षों से बंद पड़ी औराई चीनी मिल को दोबारा शुरू करने की भी मांग महत्वपूर्ण मुद्दा है. जिले में अच्छे पार्क, लाइब्रेरी आदि की भी आवश्यकता है. इसके साथ ही मूलभूत सुविधाओं से जुड़े तमाम मुद्दे हैं. 

- महेश जायसवाल की रिपोर्ट

 

Advertisement
Advertisement