भरथना विधानसभा में चकरनगर तहसील और बकेवर लखना महेवा सहित कई थाने मौजूद हैं. भरथना अपने आप में सबसे पुरानी तहसील बनी हुई है. भरथना विधानसभा, पुराना व्यापारिक क्षेत्र रहा है. भरथना कस्बे में 60 से अधिक धान मिल हुआ करती थीं.
भरथना से चावल देश के कई हिस्सों से आता था और सबसे महंगा चावल यहां की मिलों से होकर देश के बड़े-बड़े महानगरों में भेजा जाता था. लेकिन अब यह धान मिल का व्यापार पूरी तरह से ठप हो चुका है. भरथना विधानसभा की आबादी लगभग 3 लाख 80 हजार से अधिक है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
भरथना विधानसभा राजनीतिक दृष्टिकोण से समाजवादी पार्टी का गढ़ रहा है. भरथना विधानसभा की कुल आबादी 3,97,000 हजार के करीब पहुंच चुकी है. इस विधानसभा में पिछड़ा वर्ग में यादव, लोधी राजपूत, शाक्य समाज प्रमुखता से जिस राजनीतिक दल को सपोर्ट करता है.
उसी दल के प्रत्याशी की जीतने की संभावना अधिक होती है. 2012 में समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी विजयी रहा था लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में बहुत कम अंतर से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी सावित्री कठेरिया ने जीत हासिल कर भरथना में कमल खिलाया था.
सामाजिक ताना-बाना
सामाजिक दृष्टिकोण से भरथना विधानसभा की सबसे अधिक आबादी, ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है. भरथना कस्बे में सभी जाति के व्यापारी वर्ग हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में राजनीतिक दृष्टिकोण से ब्राह्मण, ठाकुर, यादव, लोधी, शाक्य, पाल, राजपूत, निषाद, मल्लाह, बाथम, कहार, नाई, सविता, अनुसूचित समाज में जाटव, कोयरी, धानुक समाज के लोग यहां निवास करते हैं. यहां राजनीतिक दृष्टिकोण से पिछड़ा वर्ग का समाज जिस ओर जाता है, उसी की जीत होती है.
2017 का जनादेश
2017 के भरथना विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की कुल संख्या 9 थी, जिनमें प्रमुख प्रत्याशी भारतीय जनता पार्टी से सावित्री कठेरिया, समाजवादी पार्टी से कमलेश कठेरिया, बहुजन समाज पार्टी से राघवेंद्र गौतम थे. भारतीय जनता पार्टी की सावित्री कठेरिया को 82005 वोट प्राप्त हुए थे. वहीं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी कमलेश कठेरिया को 80037 वोट मिले थे. इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को लगभग 2000 वोटों से हराया था.
समस्याएं एवं मुद्दे
भरथना विधानसभा की सबसे अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है. जहां पहले भरथना व्यापारिक केंद्र हुआ करता था, वहीं अब राजनीति का केंद्र बिंदु बना हुआ है. यहां के लोग, भरथना को औद्योगिक क्षेत्र बनाने की मांग कर रहे हैं. दूसरी ओर भरथना विधानसभा की बड़ी आबादी चंबल यमुना नदी के बीच के जंगलों में निवास करती है. क्षेत्र में विकास ना होने की वजह से सड़कों का अभाव है. यहां गांव आज भी सड़क मार्ग से कई किलोमीटर दूर अंदर जंगल की तरफ बसे हुए हैं.
बरसात के मौसम में गांव से संपर्क नहीं हो पाता है. प्रत्येक राजनीतिक दल चुनाव के समय वर्तमान समस्याओं की चर्चा करके और अपने कार्यकाल में समस्याओं को खत्म करने की बात करते रहे हैं. लेकिन आज भी वह समस्याएं मुद्दों के रूप में निरंतर बनी हुई हैं.
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रिपोर्ट कार्ड
भारतीय जनता पार्टी की भरथना विधानसभा की विधायक ने बताया कि उन्होंने जनता की मांग पर सीएम योगी को एक फाइल दी थी. जिसमें पचनदा के विकास की बात थी. इस प्रोजेक्ट में 102 करोड़ रुपए स्वीकृत करवाये हैं. दो फायर स्टेशन बनवाए हैं, जो कि एक भरथना और एक चकरनगर में बनवाया गया है.
उन्होंने कहा कि आग लगने पर फायर बिग्रेड की गाड़ियां इटावा से आती थीं, तो उनको क्षेत्र में पहुंचने में बहुत समय लगता था. अब गाड़ियां यहीं रहती हैं. बकेवर के क्षेत्र में लगभग 50 बेड का अस्पताल और ऑक्सीजन प्लांट बनवाने के लिए 52 लाख रुपए हमने स्वीकृत किए हैं. खेलने के लिए दो स्टेडियम बनवाए गए हैं.
प्रत्येक ग्राम पंचायत में पार्क बनवाए गए हैं. वहीं ग्रामीण स्टेडियम भी बड़ी संख्या में बनवाए हैं. चकरनगर के क्षेत्र में किसानों की सुविधा के लिए लगभग 17 से 18 नलकूप भी लगवाए हैं. जिससे खेतों में सिंचाई हो सके. गांव में लगभग 500 हैंडपंप लगवाए गए हैं, जिससे कि पीने के पानी की समस्या खत्म हुई है.
वहीं 2017 चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रहे कमलेश कठेरिया ने बताया कि भाजपा की विधायक झूठ बोलने में माहिर हैं. इन्होंने कहीं पर भी एक भी हैंडपंप नहीं लगवाया है, ना ही किसानों के लिए ट्यूबवेल लगवाने की बात सही है. समाजवादी पार्टी की सरकार में पहले से ही फायर स्टेशन स्वीकृत हो चुके थे जो बन रहे थे. उनको भी यह अपना बताकर फर्जी दावे कर रहीं हैं.
विविध
भरथना विधानसभा में कई पुराने मंदिर हैं. इसमें कुछ मंदिर महाभारत युग के माने जाते हैं. जो कि पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं. पांच नदियों का संगम भी भरथना विधानसभा के चकरनगर तहसील में देखने को मिलता है. जहां यमुना, चंबल, सिंधु, क्वारी और पहुज नदियां एक साथ मिलती है. इसका आध्यात्मिक महत्व अधिक है. हालांकि भरथना में रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और कुछ पुराने विद्यालय भी मौजूद हैं.
अमित तिवारी की रिपोर्ट...