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Bidhuna Assembly Seat: समाजवादी पार्टी के गढ़ में बीजेपी को मिली थी जीत, क्या होगा इस बार?

बिधुना विधानसभा सीट: वर्ष 2012 में यहां सपा के प्रमोद गुप्ता ने बीएसपी के देवेश शाक्य को करीब 18 हजार मतों से हराकर एक समाजवादी पार्टी का झंडा बुलंद किया था. वर्तमान में विनय शाक्य यहां से विधायक हैं. उन्होंने बीजेपी के बैनर तले चुनाव लड़ा था. 

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Uttar Pradesh Assembly Election 2022( Bidhuna Assembly Seat)
Uttar Pradesh Assembly Election 2022( Bidhuna Assembly Seat)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • समाजवादियों का रहा है गढ़
  • वर्तमान में बीजेपी के हैं विधायक

समाजवाद के प्रणेता रहे डॉ. लोहिया की इस कर्मभूमि में समाजवादियों की फसल अक्सर लहलहाती रही है. हालांकि बिधुना विधानसभा (202) से एक बार बीजेपी और एक बार बीएसपी को भी मौका मिला है. वर्तमान में विनय शाक्य यहां से विधायक हैं. उन्होंने बीजेपी के बैनर तले चुनाव लड़ा था. लेकिन इस विधानसभा में मतदाताओं ने समाजवादी विचारधारा के नेताओं का ज्यादा साथ दिया.

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वर्ष 2012 में यहां सपा के प्रमोद गुप्ता ने बीएसपी के देवेश शाक्य को करीब 18 हजार मतों से हराकर एक समाजवादी पार्टी का झंडा बुलंद किया था. वहीं 2017 में सपा ने प्रमोद का टिकट काटकर विधान सभा अध्यक्ष रहे स्वर्गीय धनीराम वर्मा के पुत्र दिनेश वर्मा को टिकट दिया. बसपा ने पूर्व विधायक शिव प्रसाद यादव को और भाजपा ने पूर्व मंत्री विनय शाक्य को टिकट दिया. विनय शाक्य ने 2002 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर पूर्व विधान सभा अध्यक्ष धनीराम वर्मा को हराया था.

कन्नौज लोक सभा में आने वाले इस विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों की गंगा बही है. 2012 से जब पूरे प्रदेश के साथ साथ औरैया जिले के बाकी हिस्से के लोग 10 घंटे बिजली के लिए तरसते थे तो उस समय इस इलाके के लोगों को निर्बाध रूप से 24 घंटे बिजली मिलती थी. बदहाल कानून व्यवस्था यहां प्रमुख मुद्दा है. व्यावसायिक शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य के साधन भी यहां नहीं के बराबर है. 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने बिधुना विधानसभा से विनय शाक्य पर भरोसा किया और विनय शाक्य ने जीत हासिल कर भारतीय जनता पार्टी का विश्वास बरकरार रखा.

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विनय शाक्य को 81905 वोट मिले. जबकि समाजवादी पार्टी के दिनेश वर्मा को 77995 वोट मिले. विनय शाक्य को कुछ दिन बाद पैरालिसिस हो गया. अब उनकी जगह उनके भाई देवेश शाक्य प्रतिनिधि बनकर कार्य सम्भाल रहे हैं.

यूपी के औरैया जनपद की तीसरी विधानसभा बिधुना और भी महत्वपूर्ण हो जाती है. क्योंकि इस विधानसभा के विधायक प्रमोद गुप्ता, सपा सुप्रीमो मुलायम यादव के अति करीबी माने जाते हैं. इसके अलावा अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव का यह संसदीय क्षेत्र भी रहा है. अखिलेश यादव एवं उनकी पत्नी डिंपल यादव ने कन्नौज लोक सभा से राजनीति शुरू की थी. इसलिए बिधुना विधान सभा अपना अलग ही महत्व रखता है. हालांकि वर्तमान में सुब्रत पाठक कन्नौज लोकसभा से सांसद हैं.

सूर्य शर्मा की रिपोर्ट

 

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