UP election: बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने आजतक के कार्यक्रम पंचायत आजतक लखनऊ में योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. कानपुर के बिकरू कांड की आरोपी खुशी दुबे का जिक्र करते हुए सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि सीएम ऑफिस पिछले 1.5 साल ये कोशिश कर रहा है कि खुशी दुबे को बेल न मिले.
आजतक के मंच पर सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा, "आज खुशी दुबे के साथ क्या हो रहा है? खुशी दुबे साढ़े सोलह साल की लड़की है, ठीक है कि आपने उसके पति को मार दिया और लोगों को एनकाउंटर में मार दिया, लेकिन उसका क्या दोष है? वो तो दूसरे जिले से आई थी, उसकी शादी हुई थी, एक दिन पहले शादी होती है, उसके हाथों की मेंहदी भी नहीं छूटी है, और उसको डेढ़ सालों से मुख्यमंत्री कार्यालय मॉनिटर कर रहे हैं कि बेल नहीं होनी चाहिए."
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— AajTak (@aajtak) January 10, 2022
बीएसपी नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि उसे बेल नहीं मिल रही है, उसका भी इंतजार रेणु शर्मा की तरह हश्र का हो रहा है कि जब उसकी मौत हो जाए तब वो बाहर आए. ये तो लॉ एंड ऑर्डर नहीं है. सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि ब्राह्मण समाज के 500 लोगों की हत्या हुई है. 100 से ज्यादा ब्राह्मण समाज के लोगों का एनकाउंटर किया गया है. क्या यही लॉ एंड ऑर्डर सुधारने का तरीका है? उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज बीजेपी से नाराज है.
बता दें कि खुशी दुबे कानपुर के बिकरू कांड के आरोपी रहे विकास दुबे के राइट हैंड अमर दुबे की पत्नी थी. अमर दुबे की शादी 29 जून 2020 को खुशी दुबे से हुई थी. शादी के महज तीन दिन बाद 2 जुलाई 2020 को बिकरू कांड हुआ था. इसी दौरान विकास दुबे ने अमर दुबे और दूसरे गुर्गों के साथ मिलकर 8 पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी.
इस घटना के बाद अमर दुबे फरार हो गया था. लेकिन 8 जुलाई 2020 को हमीरपुर के मौदाहा में एसटीएफ ने अमर दुबे को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. खुशी दुबे के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के आधार पर घटना के वक्त वह नाबालिग थी. उस समय उसकी उम्र 16 साल के लगभग थी. पुलिस ने बिकरू कांड में खुशी को भी आरोप बनाया था और गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया था. कुछ महीने पहले बालिग होने पर खुशी दुबे को माती जेल शिफ्ट किया गया था. अभी तक उसे बेल नहीं मिली है.