उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले की एक विधानसभा सीट है बीसलपुर विधानसभा सीट. बीसलपुर विधानसभा सीट माला, कटना, देवना और खनौत नामक चार नदियों से घिरा हुआ है. बीसलपुर विधानसभा क्षेत्र की सीमा पड़ोसी जनपदों शाहजहांपुर और बरेली से भी लगती है. राजा मोरध्वज का किला भी इसी विधानसभा क्षेत्र में है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
बीसलपुर विधानसभा सीट के चुनावी अतीत की बात करें तो ये सीट साल 1957 के विधानसभा चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी (पीएसपी) के टिकट पर बिहारी लाल, 1962 में कांग्रेस के दुर्गा प्रसाद, 1967 में पीएसपी के एमपी सिंह, 1969 में बीकेडी और 1974, 1980 में कांग्रेस के टिकट पर तेज बहादुर, 1977 में जेएनपीके मुनेंद्र पाल सिंह विधानसभा पहुंचे.
बीसलपुर विधानसभा सीट से 1989 में जनता दल के हरीश कुमार, 1991 और 1993 में बीजेपी के इस सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राम सरन वर्मा, 1996 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के अनीस खान विधायक निर्वाचित हुए. 2002 और 2007 में भी बसपा के अनीस खान ही विधानसभा सदस्य बने. 2012 में अनीस जीत का चौका नहीं लगा सके और बीजेपी के राम सरन वर्मा ने यहां फिर से कमल खिला दिया था.
2017 का जनादेश
बीसलपुर विधानसभा सीट से साल 2017 के चुनाव में बीजेपी ने राम सरन को ही उम्मीदवार बनाया था. बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे राम सरन ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के अनीस अहमद खान उर्फ फूल बाबू को 40996 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था. बसपा की दिव्या गंगवार तीसरे और भाकपा कते भीमसेन शर्मा चौथे स्थान पर रहे थे.
सामाजिक ताना-बाना
बीसलपुर विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो यहां करीब साढ़े तीन लाख मतदाता हैं. इस विधानसभा सीट की गिनती लोधी और कुर्मी बाहुल्य सीटों में होती है. बीसलपुर विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में जाटव, ब्राह्मण और ठाकुर मतदाता भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
बीसलपुर विधानसभा सीट से बीजेपी को चार बार जीत मिली है और चारो ही दफे राम सरन ही विधायक रहे. राम सरन का दावा है कि उनके कार्यकाल में इलाके का चहुंमुखी विकास हुआ है. विपक्षी दलों के नेताओं का दावा है कि इलाके की समस्याएं जस की तस हैं. इस सीट से बीजेपी ने इस दफे विवेक वर्मा पर दांव लगाया है. इस विधानसभा सीट के लिए यूपी विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में 23 फरवरी को मतदान होना है. यूपी के चुनाव सात चरणों में होने हैं.